हैदराबाद : कई महीनों से बीआरएस (BRS) में चल रहा अंर्तकलह आज खुलकर सामने आ गया। बीआरएस प्रमुख केसीआर (BRS Chief KCR) ने अपनी बेटी व एमएलसी के. कविता को पार्टी से निलंबित कर दिया। इस निलंबन को लेकर कुछ जगहों पर समर्थन व विरोध भी हुआ है।
कुछ समय से पार्टी लाइन से हटकर टिप्पणियां कर रही हैं कविता
तेलंगाना की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ है। बीआरएस ने मंगलवार को कल्वाकुंतला कविता को पार्टी से निलंबित करने की आधिकारिक घोषणा की। यह सर्वविदित है कि वह पिछले कुछ समय से पार्टी लाइन से हटकर टिप्पणियां कर रही हैं। हालाँकि, यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि कविता की टिप्पणियों से पार्टी को नुकसान हो रहा है।
बीआरएस आलाकमान ने कविता के व्यवहार को गंभीरता से लिया : सोमा भरत कुमार
महासचिव टी. रविंदर राव और पार्टी अनुशासन समिति के सदस्य सोमा भरत कुमार द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि बीआरएस आलाकमान ने कविता के व्यवहार को गंभीरता से लिया है क्योंकि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं जो पार्टी के लिए हानिकारक हैं और अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने उन्हें तत्काल पार्टी से निलंबित करने का निर्णय लिया है। बीआरएस रजत जयंती समारोह के दौरान कविता और पार्टी के बीच मतभेद उभरकर सामने आए। केसीआर के भाषण के बारे में उनके सार्वजनिक पत्र ने काफी हलचल मचा दी थी।

बीआरएस की वरिष्ठ महिला नेताओं ने निलंबन का स्वागत किया
बीआरएस की वरिष्ठ महिला नेताओं ने आज पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर द्वारा एमएलसी के. कविता को निलंबित करने के फैसले का स्वागत किया। पूर्व मंत्री सत्यवती राठौड़ ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला कार्यकर्ता इस कदम से खुश हैं, क्योंकि कविता की टिप्पणी से पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचा है। उन्होंने याद दिलाया कि केसीआर ने पहले कहा था कि अगर उनके परिवार के सदस्य भी गलती करेंगे तो उन्हें भी नहीं बख्शेंगे। पूर्व विधायक गोंगिडी सुनीता ने कहा कि बीआरएस की आलोचना करना केसीआर की आलोचना करने के समान है।
के. कविता कौन हैं?
कविता तेलंगाना की एक प्रमुख राजनेता हैं, जो भारत राष्ट्र समिति (BRS) प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (KCR) की बेटी हैं। वह तेलंगाना विधान परिषद (MLC) की सदस्य हैं और पूर्व में निजामाबाद से सांसद भी रह चुकी हैं।
के. कविता का बीआरएस पार्टी में क्या योगदान रहा है?
उन्होंने बीआरएस (पूर्व में टीआरएस) के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने महिलाओं और सांस्कृतिक मुद्दों पर सक्रियता दिखाई और “तेलंगाना जागरण” जैसे अभियानों में हिस्सा लिया।
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