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Rajasthan : खाटू श्याम बाबा का मंदिर कुछ घंटे के लिए रहेगा बंद

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Rajasthan : खाटू श्याम बाबा का मंदिर कुछ घंटे के लिए रहेगा बंद

Rajasthan : राजस्थान के खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Temple) से बड़ी खबर आ रही है। ये मंदिर पूरे 48 घंटों के लिए बंद रहेगा जिस वजह से भक्तजन बाबा के दर्शन नहीं कर सकेंगे। जानिए ये मंदिर कब और क्यों बंद रहेगा

यदि आप सितंबर में खाटू श्याम मंदिर के दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। बता दें 6 सितंबर 2025 की रात 10 बजे से लेकर 8 सितंबर 2025 की शाम 5 बजे तक खाटू श्याम मंदिर बंद रहेगा। 8 सितंबर को बाबा श्याम (baba shyam) का स्नान और तिलक श्रृंगार होगा जिसके बाद ही शाम 5 बजे से भक्त बाबा के दर्शन कर सकेंगे। श्री श्याम मंदिर कमेटी ने भक्तों से अनुरोध किया है कि वे इस समय खाटू श्याम जी के दर्शन करने न आएं और मंदिर की व्यवस्थाओं में सहयोग करें। जानिए मंदिर बंद होने की क्या वजह है।

खाटू श्याम मंदिर क्यों बद रहेगा?

7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण लगने और 8 सितंबर 2025 को बाबा श्याम का तिलक होने की वजह से खाटू श्याम मंदिर 6 सितंबर की रात 10 बजे से 8 सितंबर की शाम 5 बजे तक बंद रहेगा। 

ग्रहण के समय मंदिर क्यों बंद कर दिए जाते हैं?

Rajasthan : 7 सितंबर 2025 की रात 09:58 बजे से भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत हो जाएगी और इसकी समाप्ति देर रात 01:26 पर होगी। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण के समय वातावरण में अशुभ और नकारात्मक तरंगें बढ़ जाती हैं। इस कारण इस समय मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं ताकि नकारात्मक प्रभाव मंदिर की पवित्रता को प्रभावित न कर सके। शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्र की किरणें शुद्ध नहीं रहतीं इसलिए इस समय भगवान की मूर्तियों को कपड़े से ढक दिया जाता है या मंदिर बंद कर दिया जाता है। फिर ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण होता है और भगवान की मूर्तियों को स्नान कराया जाता है। इसके बाद ही पुन: पूजा-अर्चना प्रारंभ होती है।

खाटू श्याम मंदिर की कहानी क्या है?

Rajasthan : खाटू श्याम का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है, जहाँ घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक को भगवान कृष्ण ने कलयुग में अपने ‘श्याम’ नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था, जो आज खाटूश्याम जी के रूप में जाने जाते हैं. बर्बरीक ने महाभारत युद्ध के दौरान कौरवों और पांडवों के बीच संतुलन बनाने के लिए अपना शीश भगवान कृष्ण को दान कर दिया था, जिसके बाद उन्हें ‘शीश दानी’ और ‘हारे का सहारा’ कहा जाने लगा. राजस्थान के सीकर जिले में खाटू गाँव में उनका भव्य मंदिर स्थित है, जो भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।

श्याम का शुभ दिन कौन सा है?

खाटू श्याम के दर्शन के लिए एकादशी और द्वादशी तिथियां विशेष शुभ मानी जाती हैं, खासकर फाल्गुन माह की एकादशी, जिसे खाटू श्याम का जन्मदिन भी माना जाता है. इसके अलावा, बुधवार और शनिवार भी खाटू श्याम की पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं।

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