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Lung Cancer: फेफड़ों का कैंसर बन रहा ‘साइलेंट किलर’, बढ़ रहे डरावने मामले

Kshama Singh
Kshama Singh
Lung Cancer: फेफड़ों का कैंसर बन रहा ‘साइलेंट किलर’, बढ़ रहे डरावने मामले

लगातार बढ़ता जा रहा है आंकड़ा

हर साल देश में हजारों लोग फेफड़ों (Lungs) के कैंसर (Cancer) का शिकार बन रहे हैं। लेकिन अधिकतर मामलों में इस गंभीर बीमारी का पता तब चलता है, जब तक बहुत देर हो चुकी है। साल 2022 में 1 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए थे। वहीं लगातार यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। हम सब जानते हैं कि सिगरेट और बीड़ी पीना फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण होता है। पुरुषों में इसके मामले अधिक देखे जाते हैं क्योंकि उनमें धूम्रपान की आदत अधिक पाई जाती है।

फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं बन रहा कारण

लेकिन ऐसा नहीं है कि अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं, तो आप सुरक्षित हैं। आजकल लोगों में फेफड़ों का कैंसर तेजी से फैल रहा है, जिन्होंने कभी सिगरेट को हाथ भी नहीं लगाया। इसके पीछे का कारण धूम्रपान का धुआं, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको फेफड़ों के कैंसर का लक्षण और इसके बचाव के तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।

लक्षण

  • खांसी में खून आना
  • सांस लेने में दिक्कत या जल्दी हांफ जाना
  • ऐसी खांसी जो ठीक होने का नाम न ले
  • सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना
  • अचानक वजन कम होना या भूख न लगना
  • बार-बार फेफड़ों में इन्फेक्शन होना
  • आवाज में बदलाव या भारीपन

इलाज

कैंसर

सर्जरी

अक्सर स्टेज 1 के लंग्स कैंसर में पाया जाता है। जोकि कैंसर केवल फेफड़ों में है। ऐसी स्थिति में सर्जरी से कैंसर को हटा दिया जाता है। यह फिर फेफड़ों का वह हिस्सा जो कैंसर से प्रभावित है, उसको हटा दिया जाता है।

रेडियोथेरेपी

बता दें कि कई केसज ऐसे भी होते हैं, जब मरीज का शरीर सर्जरी के लिए तैयार नहीं होता है। ऐसे में रेडियोथेरेपी के जरिए इलाज किया जाता है। इसके जरिए कैंसर को हटाया जाता है।

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब ऊपर के दोनों तरीके काम नहीं आते हैं और कैंसर का खतरा अधिक बढ़ा होता है।

फेफड़े के कैंसर से कितने प्रतिशत बचे हैं?

आंकड़ों के अनुसार, फेफड़े के कैंसर के शुरुआती चरण में इलाज होने पर लगभग 56% मरीज 5 साल तक जीवित रहते हैं, जबकि देर से पता चलने पर यह प्रतिशत 5-10% तक घट जाता है। परिणाम उम्र, स्वास्थ्य और उपचार की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।

फेफड़ों की कौन सी बीमारी मौत का कारण बन सकती है?

गंभीर निमोनिया, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), फेफड़े का कैंसर, पल्मोनरी एम्बोलिज्म और उन्नत स्तर का टीबी ऐसी बीमारियां हैं जो समय पर इलाज न मिलने पर मौत का कारण बन सकती हैं। इनका समय पर निदान और सही उपचार बेहद जरूरी है।

फेफड़े का कैंसर कितना खतरनाक होता है?

यह कैंसर सबसे जानलेवा प्रकारों में से एक माना जाता है, क्योंकि अक्सर यह देर से पहचान में आता है। यह तेजी से फैल सकता है और शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है। सही समय पर पहचान और उपचार मिलने से ही बचाव की संभावना बढ़ती है।

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