हाथ में जूस का गिलास, आंखों में छलकते आंसू
Maratha Reservation : मराठा आरक्षण (Reservation) की मांग को लेकर लंबे समय से अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने आखिरकार अपना अनशन समाप्त कर दिया। जूस का गिलास हाथ में लेते ही वो भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। यह भावुक पल कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
जरांगे ने किया जीत का दावा
Maratha Reservation : मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने महाराष्ट्र सरकार को मराठा समुदाय को कुनबी का एक हिस्सा बताने वाला सरकारी आदेश (जीआर) जारी करने के लिए दो महीने का ‘अल्टीमेटम’ दिया है। मनोज जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने अगर मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सरकारी आदेश जारी कर दिया तो आज रात नौ बजे तक मुंबई से रवाना हो जाऊंगा। मनोज जरांगे ने मंत्रियों की उपस्थिति में अपने समर्थकों से कहा कि ‘‘हम जीत गए हैं।’’
बता दें कि जरांगे को आजाद मैदान में 29 अगस्त को आंदोलन करने की इजाजत पुलिस ने दी थी। लेकिन जरांगे मराठा आरक्षण के नाम पर अनशन पर बैठे और उनके अनशन का आज पांचवां दिन था
कौन हैं मनोज जरांगे?
अब ये भी जान लीजिए मराठा आंदोलन का झंडा बुलंद करने वाले जरांगे कौन हैं। तो आपको बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है। मनोज 2011 से मराठा आरक्षण के आंदोलन में सक्रिय हैं। 2014 में इन्होंने छत्रपति संभाजीनगर में डिविजनल कमिश्नरेट के खिलाफ मार्च किया था। 2015 से 2023 के बीच मनोज जरांगे 30 से ज्यादा आंदोलन किये। 2021 में इन्होंने जालना जिले के साष्टा पिंपलगांव में 90 दिनों की हड़ताल की थी।
VIDEO में दिखा भावनात्मक क्षण
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जैसे ही मनोज जरांगे को जूस दिया गया, उन्होंने कुछ पल के लिए आंखें बंद कीं और फिर भावुक होकर रोने लगे। उनके समर्थक और वहां मौजूद लोग भी इस दृश्य से भावुक हो उठे।
कई दिनों से थे भूख हड़ताल पर
मनोज जरांगे कई दिनों से पानी तक छोड़कर भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी और डॉक्टरों ने भी चेतावनी दी थी कि आगे अनशन जारी रहना खतरनाक हो सकता है।
सरकार के आश्वासन के बाद लिया फैसला
राज्य सरकार की ओर से आरक्षण मुद्दे पर ठोस आश्वासन दिए जाने के बाद जरांगे ने अनशन समाप्त करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा:
“मैंने ये आंदोलन समाज के लिए किया है, मेरी निजी लड़ाई नहीं थी। अब सरकार ने वादा किया है, तो मुझे विश्वास करना होगा।”
मनोज जरांगे पाटिल कौन हैं?
मनोज रावसाहेब जारंगे (जन्म 1 अगस्त 1982), जिन्हें मनोज जारंगे पाटिल के नाम से भी जाना जाता है, मराठा आरक्षण के लिए लड़ने वाले एक भारतीय कार्यकर्ता हैं। वे भारत के महाराष्ट्र राज्य में रहते हैं।
जरांगे क्यों प्रसिद्ध है?
सक्रियता। जारांगे ने सितंबर 2023 में अंतरवाली-सारथी गाँव में भूख हड़ताल के दौरान ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने अपने गृहनगर जालना से मराठा क्रांति मोर्चा और सकल मराठा समाज के एक विरोध मार्च का नेतृत्व किया, जिसका मूल उद्देश्य 26 जनवरी 2024 से दक्षिण मुंबई के आज़ाद मैदान तक जाना था।
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