3 राशियों पर श्रीकृष्ण की रहेगी खास कृपा
Janmashtami : जन्माष्टमी (Janmashtami) का पावन पर्व इस साल 16 (Year 16) अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जा रहा है। इस दिन बुधादित्य योग रहेगा। इसके अलावा वृद्धि और ध्रुव योग भी रहेगा। ये योग किसी भी काम की शुरुआत करने के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। ज्योतिष अनुसार इन शुभ योगों से भरा जन्माष्टमी पर्व तीन राशियों के लिए बेहद लकी रहेगा।
जन्माष्टमी का त्योहार हर कृष्ण भक्त के लिए बेहद खास होता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और शुभ मुहूर्त में भगवान कृष्ण की विधि विधान पूजा करते हैं। इस साल जन्माष्टमी का पावन पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस दिन रात 2 बजे तक कर्क राशि में बुधादित्य योग बना रहेगा। इसके अलावा इस दिन सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर चंद्र देव अपनी उच्च राशि वृषभ में प्रवेश करेंगे तो वहीं सूर्य देव रात 2 बजे अपनी स्वराशि में आ जायेंगे। इसके अलावा सुबह 7 बजकर 21 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा और इसके बाद ध्रुव योग लग जाएगा। जानिए इन शुभ योगों से किन राशियों की किस्मत चमक जाएगी।
कन्या राशि (Virgo): ये जन्माष्टमी रहेगी खास
कन्या राशि वालों के लिए ये जन्माष्टमी बेहद खास रहेगी। भगवान कृष्ण की आप पर विशेष कृपा बरसेगी। इस दिन आपके हाथ कोई बड़ी सफलता लग सकती है। बिजनेस में भी खूब तरक्की हासिल होगी। प्रेम जीवन बढ़िया रहेगा। अचानक से धन प्राप्ति के योग बनेंगे।
धनु राशि (Sagittarius): करियर में मिलेगी सुनहरी सफलता
धनु राशि वालों को करियर में सुनहरी सफलता मिलेगी। जो भी काम आपके लंबे समय से अटके हुए थे वो बनने लगेंगे। पुराने निवेश से अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। धन-धान्य में वृद्धि के योग हैं। कोई नया काम मिल सकता है। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
कुंभ राशि (Aquarius): नौकरी में सफलता के योग
कुंभ राशि वालों को नौकरी में सफलता मिलेगी। मनचाही नौकरी प्राप्त होने के भी शुभ योग बन रहे हैं। नए काम की शुरुआत भी कर सकते हैं। प्रमोशन के योग हैं। बिजनेस में कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है। कुल मिलाकर ये जन्माष्टमी आपके लिए खास रहेगी।
कृष्ण का पहला अवतार कौन था?
मत्स्य अवतार – मछली के रूप में मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार हैं।
जन्माष्टमी पर खीरा क्यों काटते हैं?
अगर नहीं तो आपको बता दें, कि खीरा काटने की परंपरा श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़ी हुई है। दरअसल, जिस तरह बच्चे के जन्म के समय उसकी गर्भनाल काटी जाती है, उसी तरह जन्माष्टमी की रात खीरे का तना काटा जाता है। हिंदू धर्म में यह परंपरा श्रीकृष्ण के जन्म का प्रतीक मानी जाती है।