Mukhtar Ansari: अफशा अंसारी के खिलाफ मऊ कोर्ट का सख्त एक्शन

By Vinay | Updated: August 1, 2025 • 4:49 PM

मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)की पत्नी अफशा अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एक मामले में गैर जमानती वारंट (NBW) और संपत्ति कुर्की का नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई दक्षिण टोला थाना क्षेत्र में 2020 में दर्ज मामले (मामला संख्या 129/2020) के संबंध में की गई है, जिसमें अफशा पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे और विकास कंस्ट्रक्शन के नाम पर अनधिकृत निर्माण का आरोप है

कोर्ट ने अफशा को 1 सितंबर 2025 को पेश होने की तिथि नियत की है।न्यायाधीश राजीव कुमार वत्स की अदालत ने यह आदेश तब दिया, जब अफशा बार-बार कोर्ट में हाजिर होने में नाकाम रहीं। इससे पहले, कोर्ट ने उनके खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 82 और 83 के तहत कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया और संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया। मऊ पुलिस ने अफशा की गिरफ्तारी के लिए 50,000 रुपये और गाजीपुर पुलिस ने भी 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया है, जिससे कुल इनाम राशि 1 लाख रुपये हो गई है।


 मामले की शुरुआत तब हुई, जब दक्षिण टोला थाने में अफशा और उनके रिश्तेदारों पर दलित की जमीन पर कब्जा कर भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदाम की बाउंड्री वॉल बनाने का आरोप लगा। इस मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें अफशा के साथ उनके साले अतिफ रजा और अनवर शहजाद भी आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी 2022 में विकास कंस्ट्रक्शन फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था, जो अफशा और उनके रिश्तेदारों द्वारा संचालित थी।


 अफशा के वकील दारोगा सिंह ने कहा, “यह मामला FCI गोदाम से जुड़ा है, जिसमें सहकारी समिति के सभी सदस्यों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है, और अफशा को नोटिस की जानकारी मिलने पर वे कोर्ट में पेश होंगी।” उन्होंने यह भी बताया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, और अगली सुनवाई 1 सितंबर को होगी।उत्तर प्रदेश पुलिस ने अफशा को भगोड़ा घोषित कर उनके खिलाफ शिकंजा कस दिया है। अप्रैल 2025 में मऊ कोर्ट ने उनके खिलाफ आजीवन वारंट जारी किया था, जो उनकी गिरफ्तारी या मृत्यु तक वैध रहेगा। पुलिस ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और आव्रजन विभाग को भी लुकआउट नोटिस जारी करने के लिए लिखा था, ताकि अफशा देश छोड़कर न भाग सकें।


 मुख्तार अंसारी की मार्च 2024 में हृदयाघात से जेल में मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनके परिवार पर कानूनी कार्रवाई और तेज हो गई। उनके बेटे उमर और अब्बास अंसारी, भाई अफजल अंसारी, और अन्य रिश्तेदार भी विभिन्न आपराधिक मामलों में फंसे हैं। यह कार्रवाई योगी सरकार की माफिया और उनके आर्थिक साम्राज्य के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा मानी जा रही है।

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