मऊ, 31 मई 2025: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। मऊ सदर से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज दोषी ठहराया है। यह मामला 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान
मऊ के पहाड़पुर मैदान में आयोजित एक चुनावी सभा से जुड़ा है, जहां अब्बास अंसारी पर प्रशासनिक अधिकारियों को धमकी देने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह की अदालत में हुयी सुनवाई
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह की अदालत में आज सुबह सुनवाई के दौरान अब्बास अंसारी और उनके भाई उमर अंसारी को दोषी पाया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अब्बास ने अपने भाषण में कहा था, “सत्ता में आने के बाद प्रशासन का हिसाब-किताब किया जाएगा और उन्हें सबक सिखाया जाएगा।” इस बयान को हेट स्पीच मानते हुए मऊ कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की शिकायत पर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 171-जी (चुनाव में गलत बयान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
सुबह 8:30 पर पहुँच गए थे अब्बास अंसारी
कोर्ट में आज सुबह 8:30 बजे अब्बास अंसारी अपने अधिवक्ता के साथ पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही और समर्थकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तैनात थी। दोषी करार दिए जाने के बाद अब सजा का ऐलान जल्द होने की उम्मीद है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सजा दो वर्ष से अधिक हुई, तो अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द हो सकती है, क्योंकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दो वर्ष से अधिक की सजा पर विधायक अयोग्य घोषित हो सकता है।
पूर्वांचल की राजनीती में बड़ा असर
अब्बास अंसारी, जो माफिया-नेता रहे मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, मऊ में एक प्रभावशाली राजनीतिक चेहरा हैं। उनके पिता मुख्तार अंसारी की मृत्यु के बाद अब्बास क्षेत्र में सुभासपा के प्रमुख नेताओं में से एक हैं। इस फैसले से मऊ की स्थानीय राजनीति और सुभासपा की रणनीति पर गहरा असर पड़ सकता है।
स्थानीय लोगों और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर अब कोर्ट के अगले कदम पर टिकी है। कुछ समर्थकों का कहना है कि यह फैसला राजनीति से प्रेरित हो सकता है, जबकि अन्य का मानना है कि यह कानून के शासन को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। सजा के ऐलान के बाद इस मामले में और भी सियासी हलचल होने की संभावना है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर
मऊ पुलिस और प्रशासन ने कोर्ट के फैसले के बाद किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। इस बीच, अब्बास अंसारी के वकील ने संकेत दिए हैं कि वे इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं।
यह मामला न केवल मऊ, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बन गया है।