MH17 विमान दुर्घटना: मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट MH17 जुलाई 2014 में एम्स्टर्डम से कुआलालंपुर जा रही थी, जब यूक्रेन के डोनबास स्थान में यह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान पूर्वी यूक्रेन के ऊपर उड़ान भर रहा था, जहां रूस समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी सेना के बीच युद्ध चल रहा था। इस दुर्घटना में विमान में सवार सभी 298 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी।
संयुक्त राष्ट्र की एविएशन एजेंसी ने सुनाया बड़ा फैसला
संयुक्त राष्ट्र की एविएशन एजेंसी, काउंसिल ऑफ इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) ने हाल ही में अपने फैसला में रूस को MH17 विमान दुर्घटना के लिए उत्तरदायी ठहराया है। एजेंसी के मुताबिक, रूस अंतरराष्ट्रीय वायु कानून के उस नियम का उल्लंघन करता पाया गया है, जो नागरिक विमानों के विरुद्ध हथियारों के प्रयोग से बचने की आवश्यकता पर जोर देता है।
यह मामला 2022 में ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड द्वारा संयुक्त राष्ट्र में लाया गया था। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने फैसले का स्वागत किया और इसे न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

रूस ने खारिज की जिम्मेदारी, मगर बढ़ता अंतरराष्ट्रीय दबाव
MH17 विमान दुर्घटना: हालांकि रूस ने इस दुर्घटना में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इससे पहले 2022 में, एक डच न्यायालय ने पाया था कि विमान को मार गिराने के पीछे रूसी-नियंत्रित समूह जिम्मेदार था।
न्यायालय ने दो रूसी नागरिकों और एक यूक्रेनी व्यक्ति को हत्या का दोषी ठहराया था, हालांकि यह निर्णय उनकी अनुपस्थिति में सुनाया गया था।
वैश्विक समुदाय का सख्त संदेश
डच विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने कहा कि यह निर्णय एक स्पष्ट संदेश देता है कि कोई भी देश अंतरराष्ट्रीय कानून का अतिक्रमण कर बिना दंड के नहीं बच सकता। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने रूस से इस घटना की उत्तरदायी स्वीकारने और पीड़ित कुटुम्बों को इंसाफ दिलाने की निवेदन की।