रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा है कि अत्याधुनिक हथियारों और सहायक नियंत्रण प्रणाली से लैसे तवस्या का देश में ही बनाया जाना युद्धपोत निर्माण के क्षेत्र में हमारी क्षमताओं और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।तवस्या युद्धपोत का लॉन्च भारतीय नौसेना के लिए न केवल एक कदम आगे है, बल्कि भारत की रणनीतिक रक्षा महत्वाकांक्षाओं के लिए एक बड़ी छलांग है।
सेठ ने शनिवार को गाेवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट 1135.6 श्रेणी के दूसरे फ्रिगेट ‘तवस्या’ के जलावतरण के मौके पर यह बात कही। इस पोत को श्रीमती नीता सेठ द्वारा रक्षा राज्य मंत्री और नौसेना की पश्चिमी कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जे सिंह की उपस्थिति में लॉन्च किया गया। इस पोत को भारतीय शिपयार्ड द्वारा स्वदेशी रूप से बनाया गया है।
“यह लॉन्च भारत के नौसेना के इतिहास में एक निर्णायक क्षण है, जो हमारी तकनीकी क्षमताओं और आत्मनिर्भरता के लिए अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।” सेठ ने आगे जोर देकर कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, टारपीडो लांचर, सोनार और सहायक नियंत्रण प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण घटकों का सफल स्थानीयकरण भारत के जहाज निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र की बढ़ती लचीलापन को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा, “तवस्या का लॉन्च भारतीय नौसेना के लिए न केवल एक कदम आगे है, बल्कि भारत की रणनीतिक रक्षा महत्वाकांक्षाओं के लिए एक बड़ी छलांग है।” गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा निर्मित परियोजना 1135.6 अतिरिक्त अनुवर्ती जहाजों का दूसरा फ्रिगेट तवस्या आज गोवा में लॉन्च किया गया। इसे रक्षा राज्य मंत्री और एफओसी-इन-सी वेस्ट वाइस एडमिरल संजय जे सिंह की मौजूदगी में नीता सेठ ने लॉन्च किया। ये फ्रिगेट पी1135.6 जहाजों के अनुवर्ती हैं, जिन्हें अब भारतीय शिपयार्ड द्वारा स्वदेशी रूप से बनाया जा रहा है। ज
हाज का नाम महाभारत के महान योद्धा ‘भीम’ की गदा के नाम पर ‘तवस्या’ रखा गया है, जो भारतीय नौसेना की अदम्य भावना और बढ़ती ताकत का प्रतिनिधित्व करता है। परियोजना 1135.6 के दो अनुवर्ती फ्रिगेट बनाने के अनुबंध पर रक्षा मंत्रालय और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के बीच 25 जनवरी, 2019 को हस्ताक्षर किए गए थे।
पहला जहाज ‘त्रिपुट’ पिछले साल जुलाई में लॉन्च किया गया था। इन जहाजों को सतह, उप-सतह और हवाई युद्ध संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है। ‘त्रिपुट’ और ‘तवस्या’ 124.8 मीटर लंबे और 15.2 मीटर चौड़े हैं, जिनका ड्राफ्ट 4.5 मीटर है। इनका विस्थापन लगभग 3600 टन है और इनकी अधिकतम गति 28 नॉट है। त्रिपुट और तवस्या में स्वदेशी उपकरण, हथियार और सेंसर का बड़ा हिस्सा है, जिससे भारतीय विनिर्माण इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन सुनिश्चित होता है, जिससे देश के भीतर रोजगार और क्षमता वृद्धि होती है। ये जहाज स्टेल्थ सुविधाओं, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणालियों से भी लैस हैं।