नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को जल्द ही पुरानी मिग-21 की जगह आधुनिक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) एमके1ए मिलने वाला है। इसके लिए दूसरा सेंटर फ्यूजलेज असेंबली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंपा गया है।
प्राइवेट कंपनियां भी कर रही अहम योगदान
भारतीय प्राइवेट कंपनी वीईएम टेक्नोलॉजीज ने एचएएल को दूसरा सेंटर फ्यूजलेज असेंबली सौंपा। इससे पहले लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कोयंबटूर में पहला विंग असेंबली सेट सौंप चुकी है।
आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने इस मौके पर वर्चुअली हिस्सा लिया और एचएएल तथा एलएंडटी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों के साथ मिलकर काम करने से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती मिल रही है।
एलसीए तेजस के लिए बने कई असेंबली पार्ट्स
अब तक एचएएल को कई निजी कंपनियों से कंपोनेंट्स मिल चुके हैं:
- लक्ष्मी मशीन वर्क्स – एयर इनटेक असेंबली
- अल्फा टोकोल – रियर फ्यूजलेज असेंबली
- एम्फेनॉल – लूम असेंबली
- टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स – फिन और रडर असेंबली
- वीईएम टेक्नोलॉजीज – सेंटर फ्यूजलेज असेंबली
- एलएंडटी – विंग असेंबली
मजबूत सप्लाई चेन और रोजगार
आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत एचएएल ने अब तक 6300 से ज्यादा भारतीय वेंडर्स के साथ साझेदारी की है। इससे हजारों स्किल्ड नौकरियां बनीं और घरेलू सप्लाई चेन मजबूत हुई है। बीते तीन सालों में एचएएल ने भारतीय वेंडर्स को 13763 करोड़ रुपए के ऑर्डर दिए हैं।
मिग-21 का इतिहास क्या है?
मिग–21 का इस्तेमाल 1960, 1970 और 1980 के दशक में मिस्र की वायुसेना , सीरियाई वायुसेना और इराकी वायुसेना द्वारा मध्य पूर्वी युद्धों में भी बड़े पैमाने पर किया गया था। मिग–21 का पहली बार सामना 14 नवंबर 1964 को इजरायली मिराज III सीजे से हुआ था, लेकिन 14 जुलाई 1966 तक पहला मिग–21 मार गिराया नहीं गया था।
एक मिग 21 की कीमत कितनी है?
भारत रक्षक डॉट कॉम के मुताबिक, मिग-21 के अलग-अलग लड़ाकू विमानों की कीमतों में अंतर है. एक MiG-21Bis (ओल्ड एयरफ्रेम) की कीमत 3.32 करोड़ रुपये हैं.वहीं, MiG-21Bis (न्यू एयरफ्रेम) का दाम 10.10 करोड़ है.MiG-21FL की कीमत 1.46 करोड़ है
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