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Men’s Health : हार्मोन असंतुलन की वजह से पुरुषों में हो सकता है डिप्रेशन, जानिए लक्षण और इलाज

Kshama Singh
Kshama Singh
Men’s Health : हार्मोन असंतुलन की वजह से पुरुषों में हो सकता है डिप्रेशन, जानिए लक्षण और इलाज

हम अपनी मानसिक शांति पर नहीं दे पाते हैं ध्यान

सुबह होते ही बच्चे हों या बड़े हर कोई अपने-अपने कामों में लग जाता है। किसी को ऑफिस जाने की जल्दी तो किसी को स्कूल जाने की। हर कोई अपनी स्ट्रेस (Stress) भरे दिन में बेहतर काम करने के चक्कर में लगा रहता है। जिस कारण हम अपनी मानसिक शांति पर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं। लेकिन मानसिक शांति पर ध्यान न देना डिप्रेशन (Depression) का कारण बन सकता है। जोकि थोड़ा सा गलत होगा। वहीं शरीर में होने वाले कई बदलाव पुरुषों में डिप्रेशन की बड़ी वजह बन सकता है

संतुलन बिगड़ने पर मेंटल हेल्थ पर हो सकता है असर

हालांकि महिलाओं में हार्मोनल बदलावों की अधिक चर्चा होती है। लेकिन पुरुषों में इस विषय को नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन पुरुषों के शरीर में भी कई ऐसे हार्मोन पाए जाते हैं, जिनका संतुलन बिगड़ने पर पुरुष के मेंटल हेल्थ पर गहरा असर हो सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि हार्मोनल असंतुलन किस तरह से डिप्रेशन की वजह बन सकता है और इसके क्या लक्षण हैं।

कैमिकल्स मैसेंजर की तरह काम करते हैं हार्मोन्स

विटामिन और मिनरल्स की तरह शरीर में हार्मोन्स की भूमिका अहम होती है। शरीर के अंदर हार्मोन्स कैमिकल्स मैसेंजर की तरह काम करते हैं। यह मूड स्विंग्स को कम करने, एनर्जी के लेवल, पाचन को बेहतर करने और मेंटल हेल्थ को बैलेंस करने में सहायता करता है। लेकिन अनहेल्दी खानपान और अनहेल्दी डाइट के कारण हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं।

टेस्टोस्टेरोन

बता दें कि टेस्टोस्टेरोन सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन्स के उत्पादन को बेहतर बनाता है। जोकि डिप्रेशन को कम करते हैं। वहीं टेस्टोस्टेरोन की कमी से उदासीनता, थकान और एकाग्रता में कमी आ सकती है। इससे डिप्रेशन के लक्षण बढ़ सकते हैं।

कोर्टिसोल

इसको स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है। ज्यादा कोर्टिसोल ब्रेन के न्यूरॉन्स के प्रभावित कर सकता है। इससे भी डिप्रेशन होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

थायरॉयड हार्मोन

थायरॉयड हार्मोन की अधिकता होने पर या कमी होने पर दोनों ही कंडीशन डिप्रेशन और मूड स्विंग्स की वजह बन सकती हैं। मुख्य रूप से पुरुषों में हाइपोथायरायडिज्म थकान और डिप्रेशन जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।

सेरोटोनिन और डोपामिन

ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर की तरह यह दोनों कार्य करते हैं। लेकिन इनके लेवल में कमी हार्मोनल असंतुलन की वजह हो सकते हैं। जिस कारण व्यक्ति में निराशा और उदासी की कमी देखी जा सकती है।

डिप्रेशन होने के लक्षण

अगर किसी पुरष में हार्मोनल असंतुलन की वजह से डिप्रेशन हो रहा है। तो इसके लक्षण सामान्य डिप्रेशन से थोड़ा अलग हो सकती हैं। इसमें आपको बेवजह गुस्सा आना, उदासी, चिड़चिड़ापन, आत्मविश्वास की कमी होना, काम में रुचि न होना, नींद में अनियमितता, एकाग्रता की कमी, थकान व ऊर्जा की कमी आदि शामिल हैं।

डिप्रेशन में हार्मोनल बदलाव होने का इलाज

इसमें डॉक्टर सबसे पहले आपको ब्लड टेस्ट की सलाह देते हैं। जिसमें टेस्टोस्टेरोन, थायरॉइड और कोर्टिसोल लेवल की जांच की जाती है। अगर टेस्टोस्टेरोन का लेवल काफी कम पाया जाता है, तो डॉक्टर आपको टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की सलाह दे सकते हैं।

पर्याप्त नींद बहुत जरूरी

इसके अलावा आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव के लिए मेडिटेशन, योग और गहरी सांस लेने वाली एक्सरसाइज कर सकते हैं। इससे कोर्टिसोल का लेवल नॉर्मल आता है। आपको अपनी डाइट में स्वस्थ फैट्स, प्रोटीन, फल और सब्जियां शामिल करनी चाहिए। पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी होता है। इससे भी हार्मोन को संतुलित किया जा सकता है। बता दें कि पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन एक छिपा हुए लेकिन महत्वपूर्ण कारण है। यह डिप्रेशन पैदा कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति को बार-बार चिड़चिड़ापन, उदासी, थकान और आत्मविश्वास की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, तो जरूरी है वह मानसिक ही नहीं बल्कि हार्मोनल हेल्थ की भी जांच कराएं।

डिप्रेशन

शरीर में कुल कितने हार्मोन होते हैं?

मानव शरीर में 50 से अधिक प्रकार के हार्मोन पाए जाते हैं, जो अलग-अलग ग्रंथियों और अंगों से स्रावित होते हैं। ये हार्मोन विकास, प्रजनन, मेटाबॉलिज्म और मनोदशा जैसी कई शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। हर हार्मोन का एक विशेष कार्य और असर होता है।

हार्मोन कहाँ से निकलता है?

यह शरीर की अंतःस्रावी ग्रंथियों से निकलते हैं, जैसे पिट्यूटरी, थायरॉयड, एड्रिनल, पैनक्रियास और गोनैड्स। ये ग्रंथियां रक्त प्रवाह में हार्मोन छोड़ती हैं, जिससे वे शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचकर अपना प्रभाव डालते हैं और क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

हार्मोन क्या हैं?

यह रासायनिक संदेशवाहक होते हैं जो अंतःस्रावी ग्रंथियों से निकलकर रक्त द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों और ऊतकों तक पहुंचते हैं। इनका कार्य शारीरिक प्रक्रियाओं का समन्वय और नियंत्रण करना होता है, जैसे विकास, ऊर्जा संतुलन, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और प्रजनन क्रियाएं।

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