नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में गलत खान-पान, तनाव और नींद की कमी की वजह से कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं बेहद आम हो गई हैं। ऐसे में नेचुरोपैथी (Naturopathy) एक सरल, सुरक्षित और असरदार उपाय बनकर उभर रहा है। नेचुरोपैथी में उपचार पूरी तरह प्रकृति के सिद्धांतों—जल, वायु, सूर्य, आहार और जीवनशैली—पर आधारित होता है। इसमें गट हेल्थ (आंतों का स्वास्थ्य) को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।
कोल्ड हिप बाथ से आंतों को मिलता है लाभ
हाल के शोध बताते हैं कि पानी (Water) से किया जाने वाला कोल्ड हिप बाथ (ठंडे पानी के टब में कमर तक बैठना) आंतों के स्वास्थ्य में जबरदस्त सुधार लाता है।
इस प्रक्रिया में ठंडा पानी पेट और आंतों के आसपास रक्त संचार बढ़ाता है, जिससे
- पाचन क्रिया सक्रिय होती है
- कब्ज में राहत मिलती है
- पेट की सूजन कम होती है
लंबे समय से कब्ज या पेट फूलने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह एक बेहद असरदार प्राकृतिक विकल्प माना गया है।
फाइबर युक्त आहार से बढ़ता है प्रभाव
कोल्ड हिप बाथ के साथ यदि आप फाइबर(Fiber) युक्त आहार—फल, सब्जियां और साबुत अनाज—को अपने भोजन का हिस्सा बनाते हैं, तो उपचार का असर और भी बढ़ जाता है। यह आंतों की गतिशीलता को स्वाभाविक रूप से सुधारता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
शरीर की प्राकृतिक हीलिंग क्षमता
नेचुरोपैथी का सिद्धांत है कि शरीर में खुद को ठीक करने की क्षमता मौजूद होती है, बस उसे सही माहौल देने की जरूरत होती है। इसलिए नियमित दिनचर्या, पर्याप्त नींद, हल्की कसरत और सकारात्मक मानसिकता के साथ यदि कोल्ड हिप बाथ जैसे सरल उपाय अपनाए जाएं, तो न सिर्फ पाचन तंत्र बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि अच्छा पाचन अच्छे स्वास्थ्य की नींव है—पेट ठीक तो शरीर ठीक।
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