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Health : प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से कैंसर होने के ठोस प्रमाण नहीं : शोध

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Health : प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से कैंसर होने के ठोस प्रमाण नहीं : शोध

सिडनी। इंटरनेट और सोशल मीडिया (Social Media) पर समय-समय पर यह दावा किया जाता रहा है कि प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से कैंसर हो सकता है, खासकर जब बोतल को धूप में कार में छोड़ दिया जाए या बार-बार इस्तेमाल किया जाए। वैज्ञानिक रिपोर्ट्स इस दावे को खारिज करती हैं। कैंसर रिसर्च यूके और कैंसर काउंसिल ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट के अनुसार अब तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से कैंसर होता है।

पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक और एपॉक्सी रेजिन में प्रयोग होता है

माना जाता है कि प्लास्टिक में मौजूद कुछ केमिकल्स, जैसे बिस्फेनॉल-ए (BPA), थोड़ी मात्रा में पानी में घुल सकते हैं, लेकिन यह मात्रा इतनी कम होती है कि उससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता। यहां तक कि प्लास्टिक को गर्म करने या फ्रीज करने पर भी कैंसर से जुड़ा कोई खतरा नहीं पाया गया है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी और वाल्टर रीड आर्मी मेडिकल सेंटर जैसे संस्थान भी इन अफवाहों को गलत ठहरा चुके हैं। बीपीए एक केमिकल कंपाउंड है जिसका इस्तेमाल दशकों से प्लास्टिक उत्पाद बनाने में किया जाता है। यह खासतौर पर पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक और एपॉक्सी रेजिन में प्रयोग होता है।

ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे से भी इसे जोड़ा गया है

इसका उपयोग प्लास्टिक की बोतलें, फूड कंटेनर, बेबी बोतलें और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की कोटिंग तक में किया जाता है। बीपीए को एंडोक्राइन डिसरप्टर माना जाता है, यानी यह शरीर के हार्मोन सिस्टम पर असर डाल सकता है। कुछ अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि बीपीए का अधिक संपर्क प्रजनन तंत्र, भ्रूण विकास और हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कुछ शोधों में ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे से भी इसे जोड़ा गया है, हालांकि अभी तक इसके ठोस प्रमाण नहीं मिले हैं।

कांच या स्टील की बोतलों का इस्तेमाल हमेशा बेहतर विकल्प माना जाता है

दुनिया की कई प्रमुख संस्थाओं जैसे यूएस एफडीए, ईएफएसए और फूड स्टैंडर्ड्स ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड का कहना है कि प्लास्टिक की बोतलों से जो थोड़ी मात्रा में बीपीए शरीर में पहुंचती है, वह सुरक्षित है। शरीर बीपीए को तेजी से बाहर निकाल देता है, इसलिए इसका कोई बड़ा खतरा नहीं होता। हालांकि एहतियात के तौर पर कई देशों में बच्चों से जुड़े प्रोडक्ट्स में बीपीए के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। कुल मिलाकर, यह कहना सही होगा कि प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना कैंसर का सीधा कारण नहीं है, लेकिन सेहत और पर्यावरण की दृष्टि से कांच या स्टील की बोतलों का इस्तेमाल हमेशा बेहतर विकल्प माना जाता है।

मालूम हो कि प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीना अक्सर सेहत के लिए असुरक्षित माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स (Health Experts) लंबे समय से लोगों को कांच या स्टील की बोतल का इस्तेमाल करने की सलाह देते रहे हैं। इंटरनेट और सोशल मीडिया पर समय-समय पर यह दावा किया जाता रहा है कि प्लास्टिक की बोतल से पानी पीने से कैंसर हो सकता है, खासकर जब बोतल को धूप में कार में छोड़ दिया जाए या बार-बार इस्तेमाल किया जाए।

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