नर्सिंग के क्षेत्र में सराहनीय काम के लिए राष्ट्रपति मुर्मू ने 15 नर्सिंग पेशेवरों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया। इस पुरस्कार के तहत विजेताओं को योग्यता प्रमाणपत्र, 1,00,000 रुपये के नकद पुरस्कार दिया जाता है। इसके साथ ही इन स्वास्थ्य योद्धाओं की अमूल्य सेवा के लिए राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक एक पदक भी दिया जाता है।
इस साल राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में अवॉर्ड पाने वालों में कई क्षेत्रों और स्वास्थ्य सेवा सेटिंग्स में सार्वजनिक स्वास्थ्य वितरण को मजबूत करने और समुदायिक कल्याण को बढ़ावा देने वाले नर्सिंग पेशेवर शामिल थे। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव और अनुप्रिया पटेल भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, हमारी नर्सें भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की स्तंभ हैं, जो हर दिन अनगिनत लोगों की जान बचाती हैं। आपको मिला यह सम्मान मानवता की सेवा के लिए आपके समर्पण का उत्सव मनाता है। यह आपको सकारात्मक प्रभाव डालते रहने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
पुरस्कार करता है नर्सिंग पेशे के समर्पण, करुणा का सम्मान
बता दें कि राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय देता है। इसके तहत नर्सिंग पेशे को परिभाषित करने वाले समर्पण, करुणा का सम्मान किया जाता है। ये प्रतिष्ठित पुरस्कार पंजीकृत नर्सों, दाइयों, सहायक नर्स दाइयों और केंद्र और राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्वैच्छिक संगठनों में सेवारत महिला स्वास्थ्य आगंतुकों को दिए जाते हैं।
केंद्र ने इस पेशे की मजबूती के लिए उठाए हैं मजबूत कदम
अधिकारियों के अनुसार, केंद्र ने देश भर में नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशे की मजबूती के लिए परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं। नर्सिंग शिक्षा और नियामक ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए हालिया ही राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग अधिनियम अधिनियमित हुआ। इसके अलावा अतिरिक्त, मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना से कुशल और सक्षम नर्सिंग कार्यबल को बढ़ावा मिलेगा। ये पहल सामूहिक तौर से एक मजबूत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का राह पक्की करती है। इसके साथ ही सुसज्जित और सशक्त नर्सिंग कार्यबल से सभी नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणाम पुख्ता करती हैं।