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Lalbaugcha Raja : 48 घंटे की लंबी कतारें, श्रद्धा या मजबूरी?

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Lalbaugcha Raja : 48 घंटे की लंबी कतारें, श्रद्धा या मजबूरी?
  • भक्तों को छांव, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव
  • महिलाएं, बुज़ुर्ग और बच्चे भी परेशान
  • वीआईपी दर्शन: चंद मिनटों में ‘राजा’ के दर्शन
  • नेताओं, सेलेब्रिटीज और अमीरों के लिए विशेष रास्ते
  • आम भक्तों की नाराज़गी चरम पर

Lalbaugcha Raja : मुंबई के लालबाग चा राजा (Lalbaugcha Raja) गणपति पंडाल में भक्तों के साथ होने वाले कथित अमानवीय व्यवहार और भेदभाव को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. वकील आशीष राय और पंकज कुमार मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (MSHRC) में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत में मुंबई पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र राज्य सचिव को भी शामिल किया गया है. शिकायत का मुख्य बिंदु VIP/Non-VIP दर्शन प्रणाली है, जिसके कारण आम भक्तों के साथ कथित तौर पर भेदभाव होता है

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सामान्य भक्तों, जिनमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, दिव्यांग और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं उन्हें 48 घंटे (48 hours) तक एक ही लाइन में बिना किसी बुनियादी सुविधा के इंतजार करना पड़ता है. यह भी आरोप है कि पंडाल के प्रबंधक और बाउंसर भक्तों के साथ धक्का-मुक्की करते हैं और अपशब्दों का इस्तेमाल भी करते हैं. शिकायत में कहा गया है कि जहां पुलिस अधिकारी VIP लोगों को आराम से तस्वीरें और वीडियो लेने की अनुमति देते हैं, वहीं आम लोगों को तुरंत दर्शन करने से रोका जाता है।

प्रशासन और मंडल पर सवाल

शिकायत में राष्ट्रीय समाचार रिपोर्टों का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें शारीरिक शोषण और भगदड़ जैसी घटनाओं का खतरा बताया गया है, जिसके कारण कई भक्तों को गंभीर चोटें आई हैं. राय और मिश्रा ने पहले भी 14 सितंबर 2024 और 22 सितंबर 2023 को मुंबई पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. अब उन्होंने MSHRC से मामले की जांच करने और जल्द से जल्द कार्रवाई करने की अपील की है।

शिकायतकर्ताओं ने आयोग से अनुरोध किए

इस मामले की तुरंत जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो. संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत सभी भक्तों के लिए समानता सुनिश्चित करने के लिए VIP/Non-VIP दर्शन प्रणाली को तुरंत बंद किया जाए. VIP लोगों के आने पर आम भक्तों के दर्शन में बाधा न हो इसके लिए उचित व्यवस्था की जाए. संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों जैसे कमजोर वर्गों के लिए मजबूत सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान की जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. पंडाल में ही विशेष पुलिस प्रशासन की व्यवस्था की जाए ताकि किसी भी तरह के दुर्व्यवहार या छेड़छाड़ की शिकायत तुरंत दर्ज की जा सके. ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए सुरक्षा उपायों की सिफारिश की जाए।

भक्तों की सुरक्षा और सुविधाओं की मांग

मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित गणेश पंडाल में से एक लालबाग चा राजा गणेश मंडल को संभावित है इस पर MHRC इस मामले समन करे. करोड़ों लोग लाल बाग के राजा का दर्शन करने आते हैं जिसमें आम और खास लोगों के लिए अलग अलग लाइनें लगती है. ऐसे जहां VIP 5 मिन के भीतर दर्शन कर लेते हैं वहीं एक आम भक्त को 24 से 48 घंटे लाइन में खड़े रहना पड़ता है. इस दौरान कई लोगो की हालत बिगड़ भी जाती है. कई बार मंडल के कार्यकर्ताओं की बदसलूकी से भक्त परेशान होते हैं।

लालबागचा राजा का मालिक कौन है?

1952 में उनके निधन के बाद, उनके सबसे बड़े बेटे वेंकटेश ने कार्यभार संभाला और उनके निधन के बाद, 2002 में रत्नाकर कांबली जूनियर ने यह ज़िम्मेदारी संभाली। वर्तमान में, रत्नाकर और उनके बेटे कांबली आर्ट्स में मूर्ति बनाते और उसकी सुरक्षा करते हैं। परिवार लालबागचा राजा के छोटे संस्करण भी बनाता है, जिनका उपयोग उत्सव के दौरान निजी तौर पर किया जाता है।

लालबागचा राजा क्यों प्रसिद्ध है?

लालबागचा राजा Lalbaugcha Raja का इतिहास काफी प्रसिद्ध है, क्योंकि यह लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की लोकप्रिय गणेश मूर्ति है , जो 1934 में स्थापित पूजा स्थल पुतलाबाई चॉल में स्थित है।

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