- Anti-Drone System: अब जंग का मैदान केवल टैंकों और तोपों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आधुनिक तकनीक ने युद्ध की तस्वीर ही बदल दी है।
- Anti-Drone System: ड्रोन अब हर युद्ध की रणनीति में अहम भूमिका निभा रहे हैं और इन्हें काबू में करने के लिए सामने आया है एक बेहद खास और खतरनाक एंटी-ड्रोन सिस्टम।
भारत-पाकिस्तान
भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया घटनाओं से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध तक, ड्रोन ने जंग की दिशा और दशा को पूरी तरह से बदल दिया है. इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए दुनिया के प्रमुख देश अब ऐसे हथियार विकसित कर रहे हैं जो न केवल हमला करें बल्कि दुश्मन के ड्रोन से भी रक्षा कर सकें।
अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और नीदरलैंड की प्रमुख टेक कंपनियों ने मिलकर ऐसा एंटी-ड्रोन सिस्टम तैयार किया है, जो खुद भी एक ड्रोन है. खास बात यह है कि यह सिस्टम ज़मीन से नहीं बल्कि आसमान से दुश्मन पर हमला करता है बिल्कुल बाज की तरह निशाना साधता है।
यह एंटी-ड्रोन UAV अपने टारगेट को रडार और एडवांस सेंसर की मदद से ट्रैक करता है और फिर तेज़ी से उस पर झपट्टा मारता है। दुश्मन के ड्रोन को यह हवा में ही ध्वस्त कर देता है जिससे खतरा टल जाता है.
इसकी सबसे बड़ी ताकत है इसकी लंबी उड़ान क्षमता यह ड्रोन लगातार 3 दिन यानी 72 घंटे तक हवा में रह सकता है. इतना ही नहीं, यह ऑटोमेटिक रिटर्न सिस्टम से लैस है और मिशन पूरा करने के बाद खुद ही अपने बेस पर लौट आता है।
इस एंटी-ड्रोन सिस्टम को खास तौर पर सीमावर्ती इलाकों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और संवेदनशील ठिकानों की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें कैमरा, ड्रोन डिटेक्शन रडार, नेट गन और साइबर टेकओवर जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होता है। रेडियो तरंगों के जरिए यह दुश्मन के ड्रोन की स्थिति, दिशा और गति की सटीक जानकारी हासिल करता है।
“काउंटर-यूएएस” तकनीक से लैस यह सिस्टम आने वाले समय में कई देशों की पहली पसंद बन सकता है. इसकी बहुमुखी क्षमताएं इसे युद्ध के मैदान में एक असली शिकारी बनाती हैं जो न केवल देखता है, बल्कि दुश्मन के सबसे छोटे ड्रोन को भी मार गिराता है।