नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई (Jusitce B R Gawai) पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर अब चोरी ऊपर से सीनाजोरी पर उतर आए हैं। उन्हें उनकी हरकत के लिए माफ कर दिया गया है लेकिन वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
राकेश किशोर का दावा : “भगवान का आदेश था”
किशोर ने कहा कि भगवान का आदेश हुआ तो फिर कुछ इसी तरह करेंगे। उन्होंने कहा, “परमात्मा ने कहा था, इसलिए किया। मैंने परमात्मा का काम किया। यह मेरा दिव्य कर्तव्य था।” उन्होंने कहा कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है और अगर परमात्मा फिर आदेश देंगे तो वे दोबारा ऐसा करेंगे।
खजुराहो मंदिर टिप्पणी से आहत थे किशोर
किशोर ने बताया कि खजुराहो के जावरी मंदिर (Jawari Temple) में भगवान विष्णु की मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की याचिका खारिज करते समय सीजेआई गवई की टिप्पणी से वे बेहद आहत हुए और इसी कारण उन्होंने ऐसा कदम उठाया।
रिवरव्यू अपार्टमेंट के बाहर विरोध प्रदर्शन
इस घटना के विरोध में मंगलवार को मयूर विहार स्थित किशोर के रिवरव्यू अपार्टमेंट के बाहर जमकर प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारी जूते की मालाएं, डॉ भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें और संविधान की प्रतियां लेकर पहुंचे थे। उन्होंने नारे लगाए, “सीजेआई का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।”
आम आदमी पार्टी के नेता ने भी लिया हिस्सा
इस घटना के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) भी प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ जूता फेंकने का नहीं है बल्कि संविधान पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सीजेआई के खिलाफ जातिवादी टिप्पणियां और धमकियां फैलाई जा रही हैं, जिन्हें सरकार को हटाना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पुलिस इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करे, चाहे औपचारिक शिकायत दर्ज हुई हो या नहीं। देशभर में इस घटना की कड़ी निंदा हो रही है।
पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था
इस घटना के मद्देनजर सोसाइटी के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड लगाए गए।
पड़ोसियों की शिकायतें और किशोर का पिछला व्यवहार
रिपोर्ट के मुताबिक, राकेश किशोर के पड़ोसियों ने बताया कि उनके खिलाफ पहले भी हिंसक व्यवहार की शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। 70 वर्षीय पुरुषोत्तम ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हंगामा किया। 2021 में भी उन्होंने एक बुजुर्ग के साथ हाथापाई की थी।पुलिस को दी गई एक पुरानी शिकायत में निवासियों ने आरोप लगाया था कि किशोर ने करीब एक साल तक उन्हें डराया-धमकाया और सोसाइटी के वॉट्सऐप ग्रुप में जातिवादी और धार्मिक गालियां दीं।
बी.आर. गवई कौन हैं?
न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई (जन्म: 24 नवम्बर 1960) एक भारतीय न्यायाधीश तथा वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। वे पूर्व भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश हैं। वे 2003 से 2019 के बीच बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी रहे चुके हैं।
बीआर गवई का परिवार कौन है
उनके पिता रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई) गुट के नेता थे और सांसद व राज्यपाल रह चुके थे। उनकी बेटी करिश्मा गवई राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नागपुर में सहायक प्रोफेसर हैं। उनके भाई राजेंद्र गवई भी एक राजनीतिज्ञ हैं। उनका परिवार बी.आर. गवई से प्रेरित है।
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