लखनऊ/पटना। आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों का आंदोलन और तेज होने जा रहा है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) 28 अगस्त को सीतामढ़ी में चल रही मतदाता अधिकार यात्रा (Voter Rights March) में शामिल होंगे।
यह यात्रा कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में निकाली जा रही है। इसका उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में हो रही कथित गड़बड़ियों और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाना है।
विपक्ष का आरोप – वोट चोरी की साजिश
विपक्षी दलों का आरोप है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए हैं। विपक्ष इसे “वोट चोरी” करार दे रहा है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने X पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि अखिलेश यादव के शामिल होने से इस यात्रा को और बल मिलेगा। उन्होंने कहा—“यादव के आने से जनता का समर्थन बढ़ेगा और वोट चोरी के खिलाफ लड़ाई और मजबूत होगी।”
गांधी मैदान में होगा समापन
यह यात्रा 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। विपक्षी दलों का दावा है कि यह रैली आने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगी और जनता को मताधिकार की रक्षा के लिए एकजुट करेगी। अखिलेश यादव की मौजूदगी से यह साफ है कि विपक्ष मतदाता अधिकार को मुद्दा बनाकर भाजपा के खिलाफ साझा मोर्चा मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
अखिलेश यादव कितनी बार सांसद रह चुके हैं?
अखिलेश यादव 1 बार विधायक और 5 बार लोकसभा सांसद चुने गए हैं। 1. 2. 14वीं लोकसभा में कन्नौज से सांसद (दूसरा कार्यकाल)।
क्या सपा एक राष्ट्रीय पार्टी है?
भारत हाल ही में, समाजवादी पार्टी भारत में विपक्षी दलों के एक छत्र गठबंधन के रूप में गठित नवगठित भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) में शामिल हो गई। 2024 के भारतीय आम चुनाव में, समाजवादी पार्टी ने 37 सीटें जीतकर ऐतिहासिक सफलता हासिल की, जिससे वह 18वीं लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
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