Amit Shah Rahul Gandhi clash : लोकसभा में बुधवार को भारी तनाव देखने को मिला जब चुनावी सुधारों पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह के भाषण को बीच में रोककर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उन्हें “वोट चोरी” पर बहस की चुनौती दी। शाह ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया से अवैध मतदाता हटेंगे, इसलिए विपक्ष चिंतित है। इसी दौरान राहुल ने खड़े होकर अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए आरोपों पर सीधी बहस की मांग कर दी।
शाह ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी यह तय नहीं कर सकते कि वे कब और क्या बोलेंगे। शाह ने कहा कि उन्हें सीखना होगा कि सदन में धैर्य कैसे बनाए रखते हैं और भाषण का क्रम वक्ता ही तय करता है।
राहुल गांधी ने इस वर्ष तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और निर्वाचन आयोग पर मिलकर “वोट चोरी” कराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा से उदाहरण भी दिए थे।
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राहुल की दखल के बावजूद, शाह ने कांग्रेस पर अपना (Amit Shah Rahul Gandhi clash) हमला और तेज किया। उन्होंने इशारों में कहा कि कुछ परिवार “पीढ़ियों से वोट चोरी करते आए हैं”, जो साफ तौर पर नेहरू–गांधी परिवार पर तंज था। विपक्षी नारेबाज़ी के बीच शाह ने कहा कि जब दो बड़े नेता बात कर रहे हों तो बीच में नहीं बोलना चाहिए।
शाह ने अपने “तीन वोट चोरी” के उदाहरण देते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद सardar Patel को 28 वोट मिले थे, लेकिन दो वोट पाने वाले जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बने। दूसरा उदाहरण 1975 का था, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द किया, लेकिन बाद में आपातकाल के दौरान कानून बदलकर उन्हें सुरक्षा दी गई। तीसरा उदाहरण सोनिया गांधी का था, जिन्हें भारतीय नागरिक बनने से पहले ही वोटर लिस्ट में शामिल किए जाने को लेकर अभी दिल्ली की अदालत में मामला चल रहा है।
कांग्रेस ने दावा किया कि सोनिया गांधी ने उस दौरान कभी वोट नहीं दिया, लेकिन शाह ने कहा कि अदालत को इसका जवाब देना होगा।
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