बीजेपी–शिवसेना ने फिर मिलाया हाथ
सीट शेयरिंग और रणनीति पर बनी सहमति– महाराष्ट्र के आगामी निकाय चुनाव से पहले महायुति के भीतर लंबे समय से चल रही खींचतान खत्म हो गई है। बीजेपी और शिवसेना ने साझा रणनीति के तहत साथ लड़ने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव (local elections) तीन चरण में होने हैं। इसका पहला चरण हो चुका है। हालांकि, कुछ सीटों पर गड़बड़ी होने के चलते 20 दिसंबर को मतदान होगा। इस बीच बीजेपी और शिवसेना ने अधिकतर जगहों पर गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अन्य दल यहां अकेले ही चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में राज्य के दो सबसे बड़े दलों का गठबंधन अहम है। हालांकि, इसका उद्देश्य सिर्फ विपक्षी दलों को हराना नहीं है। इसके जरिए बीजेपी की कोशिश शिवसेना को भी रोकने की है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार महाराष्ट्र (Maharashtra) में स्थानीय 31 जनवरी तक पूरे होने हैं। यहां पहला चरण लगभग पूरा हो चुका है, जिसमें नगर परिषद/नगर पंचायत में मतदान हुआ। दूसरे चरण में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव होंगे। वहीं, तीसरे चरण में म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव होंगे। बीएमसी समेत अन्य बड़े नगर निगम चुनावों का ऐलान अब तक नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही ऐसा होने के आसार हैं, क्योंकि स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी से पहले पूरे होने हैं।
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बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की इनसाइड स्टोरी
बीजेपी और शिवसेना ने अधिकतर जगहों पर गठबंधन में लड़ने का फैसला किया है। वहीं, अजित पवार की एनसीपी कई जगहों पर अलग चुनाव लड़ रही है। महाविकास अघाड़ी में भी सभी दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में राज्य के दो बड़े दलों के साथ आने की वजह वर्चस्व बनाए रखने की है। बीजेपी नहीं चाहती कि शिवसेना शहरी क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करे। ऐसे में प्लान अधिकतर शहरी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का है। इसी वजह से एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के बीच बैठक हुई थी। इसके बाद अमित शाह और रवींद्र चव्हाण के बीच भी मीटिंग हुई। इसके बाद तय हुआ है कि शिवसेना और बीजेपी के सीनियर नेता मिलकर तय करेंगे कि किस सीट से किसे टिकट दिया जाए।
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