कपाट 25 नवंबर से बंद
दिल्ली के लालकिले के पास हुए बम धमाके के बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है. उत्तराखंड में भी राज्य सरकार ने सभी जिलों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है. खासतौर पर बदरीनाथ धाम में भक्तों की भीड़ को देखते हुए सिक्योरिटी को और कड़ा कर दिया गया है. यहां अब असम राइफल्स की टीम को भी तैनात कर दिया गया है।
उत्तराखंड के चारों धामों में तीन धाम के कपाट बंद हो चुके हैं. इस समय केवल (Badrinath Dham) बदरीनाथ धाम श्रद्धालुओं के लिए खुला है. यहां रोजाना भारी संख्या में तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. बढ़ती भीड़ को देखते हुए सुरक्षा बलों की तैनाती और गश्त बढ़ा दी गई है. पुलिस ने बदरीनाथ क्षेत्र में आने-जाने वाले वाहन की गहन जांच शुरू कर दी है।
बम स्क्वाड और मेटल डिटेक्टर टीम मौके पर
चमोली के एसपी सुरजीत सिंह पंवार के मुताबिक, बदरीनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के लिए बम निरोधक दस्ता (Bomb Squad) और डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर टीम को तैनात कर दिया गया है. इसके अलावा 7 सदस्यीय विशेष टीम बदरीनाथ पहुंच चुकी है।
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धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे. इस वजह से वहां पर भक्तों की संख्या बनी हुई है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. पुलिस और प्रशासन ने किसी भी प्रकार की चूक से बचने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया है.
चेकिंग अभियान जारी
बदरीनाथ के अलावा देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल समेत सभी प्रमुख शहरों में 24 घंटे का सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है. पुलिस की टीमें हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।
दिल्ली धमाके में हर्षुल घायल
दिल्ली में सोमवार को एक कार में हुए भीषण विस्फोट में उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में गदरपुर के रहने वाले हर्षुल सेतिया घायल हो गए थे. हर्षुल की जनवरी में शादी तय है. वह अपनी मां अंजू सेतिया, छोटे भाई और मंगेतर के साथ शादी की शॉपिंग के लिए दिल्ली गए थे. धमाके की आवाज से इलाके में अफरातफरी मच गई और आसपास खड़ी गाड़ियों के शीशे टूट गए. इन्हीं शीशों के टुकड़ों से हर्षुल के सिर में चोट लगी. फिलहाल उनका इलाज जारी है।
बद्रीनाथ में किस भगवान की मूर्ति है?
यहां भगवान श्री विष्णु पद्मासन की मुद्रा में विराजमान है. बद्रीनाथ धाम से संबन्धित मान्यता के अनुसार इस धाम की स्थापना सतयुग में हुई थी. यहीं कारण है, कि इस धाम का माहात्मय सभी प्रमुख शास्त्रों में पाया गया है. इस धाम में स्थापित श्री विष्णु की मूर्ति में मस्तक पर हीरा लगा है.
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