आईआरएस योगेंद्र मिश्रा ने आरोपों को बताया था गलत
लखनऊ के इनकम टैक्स दफ्तर में ही एक आईआरएस अफसर पर दूसरे आईआरएस अफसर के हमले के मामले में बड़ा एक्शन हो गया है। हमला करने वाले ज्वाइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा को बुधवार को सस्पेंड कर दिया गया। इसके साथ ही उन्हें बंगाल और सिक्किम रीजन से अटैच कर दिया गया है। घटना 29 मई को हुई थी। आईआरएस अफसर उपायुक्त गौरव गर्ग ने योगेंद्र मिश्रा पर हमला करने, कांच का गिलास फेंककर मारने और प्राइवेट पार्ट पर पैर से मारने का आरोप लगाया था। हमले के बाद उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि योगेंद्र मिश्रा ने आरोपों को गलत बताया था अपनी तरफ से भी एफआईआर कराने की बात कही गई थी। बाद में एक्स पर अपनी और परिवार की सुरक्षा की गुहार भी योगेंद्र मिश्रा ने लगाई थी।
बुधवार को जारी किया गया निलम्बन का आदेश
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अंडर सेक्रेट्री नितिन पी माने की ओर से बुधवार को निलम्बन का आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि संयुक्त आयकर आयुक्त काशीपुर, योगेन्द्र मिश्रा के विरुद्ध एक अपाराधिक मामला जांच के अधीन है। ऐसे में केन्द्रीय सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम के तहत संयुक्त आयकर आयुक्त को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जा रहा है। इसके साथ ही यह आदेश भी दिया जाता है कि निलम्बन के दौरान योगेन्द्र कुमार मिश्रा का मुख्यालय प्रधान सीसीआईटी पश्चिम बंगाल और सिक्किम क्षेत्र कार्यालय के अन्तर्गत कोलकाता रहेगा। प्रधान सीसीआईटी (सीसीए) पश्चिम बंगाल और सिक्किम क्षेत्र की पूर्व अनुमति के बिना योगेन्द्र कुमार मिश्रा मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
आयकर भवन में बैठे थे आईआरएस अधिकारी
29 मई की शाम आयकर भवन के छठे तल पर एक वरिष्ठ अधिकारी के कमरे में गौरव गर्ग और 2014 बैच के आईआरएस अधिकारी संयुक्त आयुक्त बैठे थे। यहां एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक कानपुर में तैनाती के दौरान और किसी आरटीआई को लेकर गौरव गर्ग और संयुक्त आयुक्त के बीच कहासुनी होने लगी। वरिष्ठ अधिकारी ने हस्तक्षेप किया लेकिन तब तक बात बढ़ चुकी थी। दोनों के बीच तेज आवाज में कहासुनी के बीच मारपीट होने लगी। आरोप है कि संयुक्त आयुक्त ने पानी से भरा गिलास फेंककर मारा।
हाथापाई के दौरान उनकी अंगूठी गौरव गर्ग के चेहरे पर लग गई। हल्ला मचने पर कर्मचारी भी पहुंचे। किसी के कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वरिष्ठ अधिकारियों के विवाद को कैसे शांत कराया जाए। फिलहाल वरिष्ठ अधिकारी का दरवाजा खुलवाकर दूसरे अधिकारी कमरे में पहुंचे तो मारपीट हो रही थी। इसमें गौरव के चेहरे, सिर और हाथ पर चोट थी। उन्हें तत्काल सिविल अस्पताल ले जाया गया। सूचना हजरतगंज पुलिस को दी गई।
2016 बैच के आईआरएस अफसर हैं योगेंद्र
योगेंद्र मिश्रा 2014 और गौरव गर्ग 2016 बैच के आईआरएस अफसर हैं। योगेंद्र मिश्रा का आरोप है कि उन्होंने गौरव गर्ग के खिलाफ एक आरटीआई फाइल की थी। इसमें एक फर्जी वीडियो लीक करने की साजिश का पर्दाफाश हुआ। वीडियो लीक उस पत्रकार के जरिए हुआ था, जिसने कुछ हफ्ते पहले अधिकारी को ब्लैकमेल किया था। गर्ग ने तय समय सीमा में आईटीआई का जवाब नहीं दिया। जब अफसर ने इसका विरोध किया तो एफआईआर की पटकथा शुरू हुई थी।
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