सीतापुर/रामपुर (उत्तर प्रदेश): लगभग 23 महीने की लंबी जेल यात्रा के बाद समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान (Azam Khan) 23 सितंबर 2025 को सीतापुर जेल से रिहा हो गए। बाहर निकलते ही वही पुराना लुक—काला चश्मा लगाए, सफेद कुर्ता-पायजामा पहने—जैसे समय ने ठहराव कर दिया हो। समर्थकों के ढोल-नगाड़ों और नारों के बीच वे बाहर आए, जहां बेटा अब्दुल्ला आजम और सैकड़ों कार्यकर्ता उनका स्वागत करने को बेताब थे। लेकिन रिहाई का सफर आसान नहीं था—कोर्ट के अंतिम आदेश में देरी से पेंच फंस गया, और प्रशासन हाई अलर्ट पर रहा। आइए, इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं।
रिहाई का सफर: 23 महीने की कैद, जमानतों का जाल
आजम खान की जेल यात्रा 2020 में शुरू हुई, जब रामपुर में हेट स्पीच केस में गिरफ्तारी हुई। शुरुआत में रामपुर जेल भेजे गए, लेकिन सुरक्षा कारणों से सीतापुर शिफ्ट कर दिए गए। मई 2022 में जमानत पर बाहर आए, लेकिन 18 अक्टूबर 2023 को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र केस में दोषी ठहराए जाने पर सरेंडर कर फिर जेल लौटे। कुल मिलाकर 1 साल, 11 महीने और 4 दिन जेल में बिताए।
इस महीने ही कई राहत मिली:
- 10 सितंबर 2025: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के डुंगरपुर कॉलोनी में जबरन बेदखली के केस में जमानत दी।
- 17 सितंबर 2025: 17 साल पुराने रोड ब्लॉकेज और पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज केस में स्पेशल MP-MLA कोर्ट ने बरी कर दिया।
- 18 सितंबर 2025: क्वालिटी बार लैंड ग्रैब केस में हाईकोर्ट ने जमानत दी। यह केस रामपुर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुआ था, जहां आजम पर आरोप था कि उन्होंने 1200 रुपये किराए पर प्रॉपर्टी हथिया ली। साथ में पत्नी तंजीन फातिमा, बेटा अब्दुल्ला और पूर्व चेयरमैन सैयद जफर अली जफरी भी आरोपी थे।
- छजलेट केस: 2 साल की सजा पूरी हो चुकी, लेकिन मुरादाबाद कोर्ट का रिहाई आदेश लेट होने से सुबह 7 बजे का प्लान फेल हो गया। दोपहर 2 बजे वायरलेस से आदेश आया, तो शाम को रिहाई संभव हुई।
कुल 104 केसों में से 12 का फैसला हो चुका—कुछ सजाएं, कुछ बरी। बाकी में जमानत मिल चुकी। ED की मनी लॉन्ड्रिंग जांच भी चल रही है।
जेल से बाहर का सीन: काला चश्मा, सफेद कुर्ता और समर्थकों का जलवा
रिहाई के वक्त आजम खान ने वही सिग्नेचर लुक अपनाया—काला चश्मा, सफेद कुर्ता और पायजामा। बाहर निकलते ही बेटा अब्दुल्ला ने गले लगाया, जो खुद 17 महीने जेल काट चुके हैं। समर्थक चिल्लाए, “आजम भाई जिंदाबाद!” रामपुर से सैकड़ों लोग पहुंचे। लोकल निवासी आमन ने कहा, “आजम साहब लौट आए तो हमारी फिक्र होगी। मोहल्ले में सन्नाटा था, अब खुशी की लहर।” शराफत बोले, “लंबा इंतजार था, अब सब ठीक हो जाएगा।”
आजम ने मीडिया से कहा, “ये सियासी साजिश थी, लेकिन अल्लाह ने राह दिखाई।” वे सीधे रामपुर लौटे, जहां ग्रैंड वेलकम की तैयारी थी। लेकिन रास्ते में रामपुर पुलिस ने तीन अतिरिक्त चार्ज लगाए, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई।
SP में खुशी, BJP चुप्पी… BSP जॉइन की अफवाह?
SP खेमे में हर्ष—अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “आजम भाई की रिहाई से पार्टी मजबूत होगी।” रामपुर SP का गढ़ था, लेकिन केसों के बाद 2024 लोकसभा BJP ने जीता। विपक्ष इसे “योगी सरकार का बदला” बता रहा। BJP की ओर से कोई कमेंट नहीं, लेकिन सियासी हलकों में चर्चा कि नए केस से आजम को फिर अंदर किया जा सकता है।
स्पेकुलेशन: कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि आजम BSP जॉइन कर सकते हैं, लेकिन SP ने खारिज किया। पत्नी तंजीन ने जेल में स्वास्थ्य चिंता जताई थी, जो अब दूर हो गई।
हाई अलर्ट, भीड़ कंट्रोल
सीतापुर प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया। जेल के आसपास भारी फोर्स, ड्रोन सर्विलांस, बैरिकेडिंग। DM-SP ने कहा, “कोई अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं।” रामपुर-सीतापुर रूट पर चेकिंग बढ़ाई। जुलूस को कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक डायवर्जन। जेल अधीक्षक सुरेश कुमार सिंह ने कहा, “रिहाई आदेश वेरिफाई हो गया, सब शांतिपूर्ण रहा।”
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