नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके (Delhi Blast) ने जांच एजेंसियों को हिला दिया है। अब इस मामले में जो खुलासे हो रहे हैं, उन्होंने राजधानी में आतंकी नेटवर्क की गंभीर साजिशों का पर्दाफाश कर दिया है। जांच में पता चला है कि आतंकियों का टारगेट सिर्फ लाल किला नहीं, बल्कि दीवाली और गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर बड़े धमाकों को अंजाम देना था। सूत्रों के मुताबिक, मुख्य आरोपी मुजम्मिल ने कबूल किया है कि वह दीवाली के दौरान दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाकों में ब्लास्ट करना चाहता था। उसने बताया कि उसके साथियों — उमर (Umar) और अन्य— ने इस हमले की पूरी योजना तैयार की थी। लेकिन बाद में उन्होंने हमले की तारीख बदलकर 26 जनवरी 2026 कर दी, ताकि गणतंत्र दिवस पर ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सके।
लाल किले के पास हुआ धमाका
मुजम्मिल फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में सीनियर डॉक्टर था। वहीं धमाके में शामिल संदिग्ध उमर भी उसी विश्वविद्यालय में काम करता था। जांच एजेंसियों का मानना है कि मुजम्मिल इस पूरे हमले का मास्टरमाइंड है। बताया जा रहा है कि कार ब्लास्ट के वक्त उमर की भी मौत हो गई थी।
‘सफेदपोश आतंक पारिस्थितिकी तंत्र’ पर नजर
पुलिस और खुफिया एजेंसियों को शक है कि इस ब्लास्ट में कई पढ़े-लिखे और मेडिकल प्रोफेशनल्स शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस नेटवर्क को “व्हाइट कॉलर टेरर इकोसिस्टम” नाम दिया है। फिलहाल, एजेंसियां मुजम्मिल और उसके सहयोगियों से पूछताछ कर रही हैं तथा उनके फोन डेटा और डिजिटल ट्रेल की जांच जारी है।
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