नई दिल्ली,। आईआरसीटीसी घोटाले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने साफ कहा कि लालू यादव (Lalu Yadav) ने रेल मंत्री रहते हुए पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया यह फैसला न केवल कानूनी तौर पर बल्कि राजनीतिक रूप से भी राजद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
तेजस्वी पर बढ़ा दबाव, एनडीए को मिला बड़ा मुद्दा
दरअसल, तेजस्वी यादव जहां महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में चुनावी मैदान में हैं, वहीं यह मामला विपक्षी एनडीए के लिए उन पर हमला करने का बड़ा मौका बन सकता है। इस फैसले से लालू परिवार की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं और विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में भी फैसले का असर पड़ सकता है।
कांग्रेस के लिए ‘अपर हैंड’ का मौका
साथ ही, यह देखना दिलचस्प होगा कि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या वे इस मुद्दे पर एनडीए के साथ खड़े नजर आएंगे। दरअसल, महागठबंधन में अब तक नेतृत्व की कमान मुख्य रूप से राजद के हाथ में है, लेकिन सोमवार को आए कोर्ट के आदेश ने कांग्रेस के लिए अपर हैंड का मौका दे दिया है।
राहुल गांधी के लिए ईमानदार छवि दिखाने का अवसर
राहुल गांधी के पास यह मौका है कि वे गठबंधन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी सख्त छवि दिखाकर नैतिकता के आधार पर बड़ा फैसला ले सकते हैं। अगर कांग्रेस इस मुद्दे पर रणनीतिक ढंग से दबाव बनाती है, तब वह सीट बंटवारे और चुनावी एजेंडे में बड़ी भूमिका हासिल कर सकती है। बता दें कि बिहार में कांग्रेस के रिवाइवल के लिए कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया है।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ से कांग्रेस ने बनाई जमीन
राहुल गांधी ने बीते दिनों ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के द्वारा चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाकर बिहार में अपनी पकड़ मजबूत की है। उनकी यात्रा में तेजस्वी यादव भी साथ थे, लेकिन कोर्ट फैसले के बाद कांग्रेस आंतरिक चर्चा कर रही है कि क्या तेजस्वी को सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट करना सही होगा।
एनडीए का हमला और नया नैरेटिव
एनडीए ने इस फैसले को लालू परिवार के भ्रष्टाचार का नया अध्याय बताते हुए हमला शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पहले ही लालू परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे को कई बार उठा चुका है। अब कोर्ट के आदेश के बाद यह मुद्दा और धारदार हुआ है। भाजपा और जदयू के नेता जनता के बीच ‘भ्रष्टाचार बनाम सुशासन’ का नैरेटिव बनाने में जुट सकते हैं।
कांग्रेस के सामने दो रास्ते
अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस के सामने इस समय दो रास्ते हैं — पहला, वह महागठबंधन में रहते हुए इस मुद्दे पर नरम रुख अपनाए और एकता बनाए रखे। दूसरा, वह इस मौके का फायदा उठाकर भ्रष्टाचार पर आक्रामक रुख दिखाए और गठबंधन में अपनी स्थिति मजबूत करे।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी की रणनीति यहां निर्णायक साबित हो सकती है। अगर कांग्रेस मुखर होती है, तब वह चुनावी विमर्श को प्रभावित कर सकती है।
राबड़ी देवी के कितने बच्चे हैं?
राबड़ी देवी ने 1 जून 1973 को 14 साल की उम्र में लालू प्रसाद से बाल विवाह किया था। उनकी सात बेटियाँ और दो बेटे हैं।
चारा घोटाला का मुख्य आरोपी कौन था?
पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के नाम से सरकारी खजाने का पैसा का गबन किया गया। चारा घोटाले में दोषी पाये जाने वाले लोगों में लालू प्रसाद यादव सबसे प्रमुख व्यक्ति हैं। लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया और सीबीआई जाँच की माँग की गयी।
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