Breaking News:Court: सुप्रीम कोर्ट ने रोका करुणानिधि की मूर्ति का निर्माण

By Dhanarekha | Updated: September 23, 2025 • 3:51 PM

जनता के पैसे से महिमामंडन पर सवाल

चेन्नई: सुप्रीम कोर्ट(Court) ने तमिलनाडु सरकार(TamilNadu Government) को पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की मूर्ति लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि नेताओं का महिमामंडन करने के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल क्यों किया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार को अपनी याचिका वापस लेने और पहले मद्रास हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया। यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियां लगाने पर रोक लगाने के बाद आया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट(Court) ने भी बरकरार रखा है

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का तर्क

सुप्रीम कोर्ट(Court) और मद्रास हाईकोर्ट, दोनों ने सार्वजनिक स्थानों(Public Places) पर मूर्तियां लगाने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। मद्रास हाईकोर्ट ने स्टालिन सरकार की एक याचिका को खारिज करते हुए तर्क दिया था कि ऐसी मूर्तियों से अक्सर ट्रैफिक जाम होता है और आम जनता को असुविधा होती है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि जब सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसी अनुमतियों पर रोक लगा चुका है, तो राज्य सरकार इस तरह के आदेश जारी नहीं कर सकती। दोनों अदालतों का मानना है कि जनता के अधिकारों और सुविधाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि राजनेताओं के महिमामंडन को।

नेताओं की मूर्तियों पर विवाद

तमिलनाडु सरकार ने तिरुनेलवेली में एक मुख्य सड़क पर एम. करुणानिधि की कांस्य प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे हाईकोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था। इसके अलावा, 2022 में भी मद्रास हाईकोर्ट ने तिरुवन्नामलाई के अरुणाचलेश्वर मंदिर के पास करुणानिधि की एक और प्रतिमा के निर्माण पर रोक लगाई थी। इन फैसलों के पीछे का तर्क यह रहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियों की बजाय ‘लीडर्स पार्क’ बनाए जाएं, जो युवाओं को नेताओं की विचारधाराओं से परिचित करा सकें। हालांकि, राज्य में पहले से ही करुणानिधि की कई बड़ी मूर्तियाँ मौजूद हैं, जिनमें चेन्नई और सेलम में स्थापित 16-फीट ऊंची प्रतिमाएँ शामिल हैं, और एक 137-फीट ऊंची ‘पेन स्टैच्यू’ का भी प्रस्ताव है।

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को एम. करुणानिधि की मूर्ति लगाने की अनुमति क्यों नहीं दी?

सुप्रीम कोर्ट(Court) ने तमिलनाडु सरकार को मूर्ति लगाने की अनुमति इसलिए नहीं दी क्योंकि उन्होंने कहा कि नेताओं का महिमामंडन करने के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा, मद्रास हाईकोर्ट ने पहले ही सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियाँ लगाने पर रोक लगा रखी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया।

मद्रास हाईकोर्ट ने मूर्तियों की बजाय किस चीज का सुझाव दिया है और क्यों?

मद्रास हाईकोर्ट ने मूर्तियों की बजाय ‘लीडर्स पार्क’ बनाने का सुझाव दिया है। कोर्ट का मानना है कि ऐसे पार्क युवाओं को नेताओं की विचारधाराओं के बारे में जानने में मदद करेंगे और वे जनता के लिए अधिक फायदेमंद होंगे, जबकि मूर्तियाँ अक्सर ट्रैफिक जाम और असुविधा का कारण बनती हैं।

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