साइबर सुरक्षा की एडवांस टेक्नोलॉजी के आदान प्रदान से ही साइबर अपराध पर लगायी जा सकती है लगाम
लखनऊ : साइबर सुरक्षा (Cyber Security) और डिजिटल ऑडिट (Digital Audit) का महत्व दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि पूरे विश्व में डिजिटल खतरे का लगातार सामना कर रहा है। ऐसे में हमे साइबर सुरक्षा की एडवांस टेक्नोलॉजी को अपनाना होगा। इसके लिए विश्व के विभिन्न देशों से टेक्नोलॉजी का आदान-प्रदान बहुत महत्व रखता है। यह मंथन यूपीएसआईएफएस द्वारा आयोजित डिजिटल ऑडिट, साइबर इंश्योरेंस, सुरक्षा और कानूनी पहलुओं पर हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में साइबर सुरक्षा को लेकर किये जा रहे विभिन्न पहलुओं को सराहा गया।
साइबर सुरक्षा, डिजिटल ऑडिट और साइबर इंश्योरेंस के क्षेत्र में मजबूत कैरियर की संभावनाएं
यूपीएसआईएफएस के अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा ने बताया कि योगी सरकार द्वारा साइबर अपराधों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया है। उन्होंने डेटा सुरक्षा के लिए भारत के डीपीडीपी अधिनियम और जीडीपीआर जैसी नीतियों की जानकारी दी। साथ ही टीमवर्क और निरंतर शिक्षा के महत्व पर बल दिया। सेमिनार में Cyber Security के लिए लगातार शिक्षा, व्यावहारिक अनुभव और नैतिक स्पष्टता को एक साथ जोड़ने पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि Cyber Security, डिजिटल ऑडिट और साइबर इंश्योरेंस के क्षेत्र में एक मजबूत और टिकाऊ कैरियर की संभावना है, बशर्ते सही कौशल, कानूनी जानकारी और व्यावहारिक अनुभव को प्राथमिकता दी जाए। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इन प्रयासों को और भी सशक्त बनाया गया है, जो भारतीय डिजिटल सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम है।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में कानूनी, नैतिक और तकनीकी ढांचे को समझना जरूरी
सेमिनार में Cyber Security विशेषज्ञ यूएसए के पवन शर्मा ने कहा कि डिजिटल ऑडिट किसी संगठन के जोखिम को समझने के लिए एक नींव का काम करता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल ऑडिट के बारे में व्यावहारिक ज्ञान और उसे लागू करने की क्षमता आज के समय में Cyber Security के लिए अनिवार्य है। साइबर इंश्योरेंस के लिए ऑडिट रिपोर्ट की सही व्याख्या करना और उसे सही तरीके से लागू करना बेहद जरूरी हो गया है। सिस्को के प्रतिनिधि ने यह बताया कि अब पारंपरिक वार्षिक ऑडिट की बजाय संगठन लगातार, जोखिम-आधारित मूल्यांकन कर रहे हैं, जो वास्तविक समय के मापदंडों और अनुपालन ढांचे से जुड़े होते हैं।
युवाओं को अपने करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर
इसके साथ ही ऑटोमेशन और साइबर जोखिम मॉडलिंग जैसे कौशल अब करियर की तरक्की के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं। जेड-स्केलर के प्रतिनिधि ने कंपनियों में आंतरिक अपस्किलिंग के महत्व को बताया और Cyber Security में अपनी विशेषज्ञता को प्रमाणित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रमाणपत्र जैसे कि CompTIA Security+ और CISSP की सिफारिश की। इन प्रमाणपत्रों को प्राप्त करने से युवाओं को अपने करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर मिलता है।
कानूनी, नैतिक और तकनीकी ढांचे को समझना आवश्यक
यूपीएसआईएफएस के Cyber Security विशेषज्ञ डॉ. मनीष कुमार राय ने बताया कि Cyber Security के क्षेत्र में कानूनी, नैतिक और तकनीकी ढांचे को समझना आवश्यक है। उन्होंने रैंसमवेयर जैसे महत्वपूर्ण उदाहरणों के माध्यम से बताया कि लगातार मूल्यांकन से ही सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने ने अंतरराष्ट्रीय साइबर खतरों के मद्देनज़र वैश्विक दृष्टिकोण की अहमियत को उजागर किया।

साइबर सुरक्षा क्या है?
डिजिटल युग में Cyber Security एक ऐसी प्रणाली है, जिसके माध्यम से कंप्यूटर, नेटवर्क, डेटा और ऑनलाइन सिस्टम को हैकिंग, वायरस, मैलवेयर और साइबर हमलों से सुरक्षित रखा जाता है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत और संस्थागत जानकारी की गोपनीयता, अखंडता और उपलब्धता सुनिश्चित करना होता है।
साइबर सुरक्षा का क्या अर्थ है?
इसका अर्थ कंप्यूटर आधारित प्रणालियों, डेटा और संचार नेटवर्क की रक्षा करना है। अनधिकृत पहुंच, डेटा चोरी, धोखाधड़ी और ऑनलाइन अपराधों को रोकने के लिए विभिन्न सुरक्षा नीतियों, तकनीकों और प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है। यह आधुनिक तकनीकी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
साइबर सुरक्षा अभियान क्या है?
सरकार और संगठनों द्वारा साइबर सुरक्षा अभियान चलाकर लोगों को ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है। इसमें सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग, दो-स्तरीय प्रमाणीकरण, संदिग्ध लिंक से बचाव और व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा जैसे उपाय बताए जाते हैं। इसका उद्देश्य साइबर अपराधों की रोकथाम करना है।
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