Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए बैंकों को कड़े हिदायत दिए हैं कि वे कृषि ऋण देते वक्त सिबिल स्कोर को अनिवार्य शर्त के रूप में न लें। उन्होंने कहा कि यह बाध्यता किसानों को ऋण से वंचित करती है और इससे कृषि उत्पादन और किसान की मानसिक स्थिति पर ऋणात्मक प्रभाव पड़ता है।
SLBC की बैठक में उठाया मुद्दा
19 मई को मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की 167वीं बैठक में फडणवीस ने ये अहम बातें रखीं। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी इस बात को स्पष्ट कर चुका है कि कृषि ऋण के मुद्दे में सिबिल स्कोर की अनिवार्यता अनुचित है।

RBI की चेतावनी और FIR का हवाला
Devendra Fadnavis: मुख्यमंत्री ने कहा कि RBI ने यह साफ कर दिया है कि जो बैंक सिबिल स्कोर के आधार पर किसानों को ऋण देने से मना करते हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले भी कुछ बैंकों के विरुद्ध FIR दर्ज की जा चुकी है और अब दोहराई गई गलती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कृषि अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
फडणवीस ने महाराष्ट्र की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कहा कि किसानों को समय पर और पर्याप्त ऋण मिलना जरूरी है। उन्होंने बताया कि 44.76 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक ऋण योजना को मंजूरी दी गई है, जिसमें कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैंकों से विशेष आग्रह
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से राष्ट्रीयकृत बैंकों से आग्रह किया कि वे कृषि ऋण कवरेज को और विस्तार दें और वित्तीय वर्ष 2025-26 के तय लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करें। उन्होंने कहा कि वर्षा की अनुकूल भविष्यवाणी के कारण कृषि उत्पादन बढ़ेगा और बैंकों की सक्रिय भागीदारी से ही यह संभव हो पाएगा।
कृषि को व्यवसायिक रूप देने की दिशा में कदम
फडणवीस ने यह भी कहा कि अब कृषि सिर्फ सहायक गतिविधि नहीं रही, बल्कि यह एक पूर्ण व्यवसाय का रूप ले चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 5,000 करोड़ पैसों का वार्षिक निवेश लक्ष्य के साथ एक नई नीति बनाई है, जिसमें बैंकों की भागीदारी आवश्यक होगी।