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Sawan Daan : सावन महीने में दान करें ये चीजें, बनी रहेगी भगवान शिव की कृपा

Kshama Singh
Kshama Singh
Sawan Daan : सावन महीने में दान करें ये चीजें, बनी रहेगी भगवान शिव की कृपा

11 जुलाई से 9 अगस्त तक रहेगा सावन माह

भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित सावन माह 11 जुलाई से 9 अगस्त तक रहेगा। कहते हैं कि सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस माह में भक्त भगवान शिव की कृपा पाने के लिए विशेष शिव पूजन के साथ दान-पुण्य भी करते हैं। शिव पुराण के अनुसार, व्यक्ति को दान व तपस्या हमेशा करनी चाहिए। इन दोनों कार्यों को करने से व्यक्ति को उत्तम फल प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि सावन में चांदी, वस्त्र व तिल आदि चीजों का दान करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। शिव महापुराण (Shiv Mahapuran) में दान के बारे में विस्तृत उल्लेख किया गया है। शिव महापुराण में वर्णित है कि व्यक्ति को किन 12 चीजों का दान करना चाहिए। इन चीजों के दान से अभीष्ट फल प्राप्त होते हैं

जानें शिव पुराण में वर्णित 12 दान और उनके फल के बारे

शिव महापुराण के अनुसार, हर व्यक्ति को गौ, भूमि, तिल, सुवर्ण, घी, वस्त्र, गुड़, चांदी, नमक, कोंहड़ा और कन्या का दान करना चाहिए। गोदान करने से सभी पापों का निवारण होता है और शुभ फल मिलते हैं। भूमि का दान परलोक में आश्रय देने वाला होता है। तिल का दान बल देने वाला और मृत्यु का निवारक माना गया है।

सावन

घी का दान पुष्टिकारक

सुवर्ण का दान वीर्यदायक और घी का दान पुष्टिकारक माना गया है। वस्त्र का दान आयु में वृद्धि करता है। धन का दान करने से अन्न व धन में वृद्धि होती है। गुड़ का दान करने से व्यक्ति को मधुर भोजन की प्राप्ति होती है। चांदी का दान करने से वीर्य में वृद्धि होती है। कोंहड़ा के दान को पुष्टिदायक माना जाता है। कन्या का दान आजीवन भोग देने वाला होता है।

सावन से क्या होता है?

सावन का महीना वर्षा ऋतु लाता है, जिससे खेती के लिए पानी मिलता है। यह शिव पूजा का समय है, और मौसम में नमी व हरियाली बढ़ जाती है।

सावन का सोमवार क्यों मनाया जाता है?

सावन का सोमवार भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि सावन में माता पार्वती ने कठिन तप कर शिव को पति रूप में पाया। इसी कारण महिलाएं अच्छे पति और सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही शिवजी सावन में प्रसन्न होते हैं, इसलिए इस महीने जलाभिषेक और व्रत का विशेष महत्व है।

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