नई दिल्ली। दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच में नया मोड़ आते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। ईडी की टीम दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश सहित चार राज्यों में लगभग 30 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी (Raid) कर रही है। कार्रवाई में फरीदाबाद स्थित अल-फलाह परिसर, ओखला में ट्रस्ट का दफ्तर और महू में यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद के पुराने आवास को भी शामिल किया गया है।
एनआईए अब तक दो गिरफ्तारियां कर चुकी
अब तक एनआईए (NIA) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कथित रूप से आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के करीबी सहयोगी बताए जा रहे हैं। इनकी भूमिका की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।
क्या है अल-फलाह यूनिवर्सिटी और दिल्ली ब्लास्ट का कनेक्शन?
10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी एक सफेद हुंडई i20 कार में बड़ा धमाका हुआ था। इस विस्फोट में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। जांच एजेंसियों के अनुसार इस घटना में एक संगठित आतंकी मॉड्यूल की भूमिका सामने आई है, जिसकी जांच एनआईए और दिल्ली पुलिस कर रही है।
जांच में डॉक्टरों की भूमिका उजागर
पुलिस जांच में सामने आया कि विस्फोट से जुड़े कई लोग पेशे से डॉक्टर थे। मुख्य आरोपी उमर नबी भी डॉक्टर था और अल-फलाह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में पढ़ाता था। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है और कहा है कि संस्था या उसका कैंपस किसी भी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं रहा।
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