मुंबई का ऐतिहासिक एलफिंस्टन रोड ओवर ब्रिज (ROB), जो करीब 125 साल पुराना है, आखिरकार 12 सितंबर की आधी रात से बंद कर दिया गया। यह पुल पारेळ और प्रभादेवी को जोड़ता है और रोज़ाना हजारों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। अब इसे तोड़कर यहां डबल-डेकर फ्लायओवर बनाया जाएगा, जो Sewri-Worli Elevated Connector परियोजना का हिस्सा है।
क्यों हो रहा है विरोध?
ब्रिज बंद करने और तोड़ने के फैसले का करीब 450 परिवार विरोध कर रहे हैं। इनमें से कई परिवार आसपास की इमारतों और चॉल में रहते हैं जो इस परियोजना से प्रभावित होंगे। निवासियों का आरोप है कि उन्हें समय पर पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई और न ही ट्रांज़िट आवास की चाबियाँ समय पर सौंपी गईं। उनका कहना है कि जब तक पुनर्वास की स्पष्ट व्यवस्था नहीं होती, तब तक पुल बंद करने और तोड़ने की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
पुनर्वास की स्थिति
MMRDA और MHADA ने बताया है कि प्रभावित परिवारों को ट्रांज़िट फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा। 83 परिवारों के लिए आवास की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है, लेकिन बाकी परिवार इस बात से नाराज़ हैं कि उन्हें अभी तक कोई ठोस विकल्प नहीं मिला। निवासियों की यह भी मांग है कि पुनर्वास उसी इलाके में हो, ताकि बच्चों की पढ़ाई और रोज़मर्रा का जीवन प्रभावित न हो।
प्रशासन की तैयारी
ब्रिज बंद होने के बाद ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग तय किए हैं। यात्री अब Tilak Bridge और Currey Road Bridge जैसे पुलों का उपयोग कर सकेंगे। MMRDA का कहना है कि नया फ्लायओवर अगले 18 महीनों में तैयार कर लिया जाएगा। यह ब्रिज डबल-डेकर होगा, जिसमें निचले स्तर पर सामान्य यातायात और ऊपरी स्तर पर Sewri-Worli Connector का मार्ग रहेगा।
ऐतिहासिक महत्व
एलफिंस्टन ब्रिज ब्रिटिश काल में बनाया गया था और एक सदी से अधिक समय तक मुंबई की जीवन-रेखा बना रहा। लेकिन अब यह जर्जर हो चुका है और भविष्य में दुर्घटना का खतरा बढ़ गया था। यही कारण है कि इसे बंद करके नया स्ट्रक्चर बनाने का निर्णय लिया गया।