Revanth Reddy : तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री को हमेशा से राज्य सरकारों का समर्थन मिलता रहा है, ऐसा कहना है वरिष्ठ फिल्म निर्माता अल्लू अरविंद का। उन्होंने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री चेन्ना रेड्डी से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी तक, तेलुगू सिनेमा को सहयोग मिलता रहा है।
अल्लू अरविंद ने यह टिप्पणी 9 दिसंबर को हैदराबाद में आयोजित तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट के दूसरे दिन की। यह बयान ‘तेलंगाना राइजिंग 2047’ विज़न डॉक्यूमेंट जारी होने से पहले आयोजित एक पैनल चर्चा के दौरान दिया गया। चर्चा का विषय था —
“द क्रिएटिव सेंचुरी: भारत की सॉफ्ट पावर और एंटरटेनमेंट का भविष्य”।
उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए क्षेत्रीय कहानियों पर ध्यान देना ज़रूरी है।
“हमें एवेंजर्स या ट्रांसफॉर्मर्स जैसी फिल्मों की नकल करने की जरूरत नहीं है। कांतारा और पुष्पा जैसी फिल्में, जो अपनी जड़ों से जुड़ी कहानियाँ हैं, पूरे देश में सफल हुई हैं,” उन्होंने कहा।
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फिल्म निर्माता दग्गुबाती सुरेश ने बताया कि वर्ष 1976 से ही (Revanth Reddy) तत्कालीन संयुक्त आंध्र प्रदेश में) कांग्रेस सरकारों ने फिल्म इंडस्ट्री को समर्थन दिया।
“70 और 80 के दशक में तेलुगू सिनेमा का चेन्नई से हैदराबाद शिफ्ट होना सरकारी सहयोग की वजह से संभव हो पाया,” उन्होंने कहा।
वहीं, निर्देशक अनिरुद्ध रॉय चौधरी ने अपने संघर्ष को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने एक फीचर फिल्म बनाने से पहले करीब 500 विज्ञापन फिल्मों का निर्देशन किया।
उन्होंने कहा, “फिल्मकारों को राज्य सरकारों से प्रोत्साहन की जरूरत होती है। यदि फिल्म निर्माण प्रक्रिया को आसान बनाने वाली संस्था हो, तो नई प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।”
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