नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है, जो भारत के रणनीतिक हितों को मजबूत कर रहे हैं। पहले तालिबान ने टीएपीआई (TAPI) गैस पाइपलाइन को पूरा करने का आदेश दिया, जिससे भारत तक सीधी गैस सप्लाई का रास्ता खुलेगा।
अब तालिबान ने ईरान के साथ चाबहार पोर्ट (Chabhar Port) पर एक अहम डील की है, जिससे भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी प्रसन्न होंगे। यह वही पोर्ट है, जिसमें भारत ने करोड़ों रुपये निवेश कर विकास कार्य किया है।
अफगानिस्तान खोलेगा चाबहार में अपना दफ्तर
अफगान मीडिया के अनुसार, अफगान राजदूत फजल मोहम्मद हक्कानी ने चाबहार फ्री ट्रेड जोन के निदेशक मोहम्मद सईद अरबाबी से मुलाकात की। इस दौरान कई अहम समझौते हुए।
- अफगानिस्तान चाबहार में अपना कार्यालय खोलेगा।
- अफगान-ईरान संयुक्त बैंक की स्थापना होगी।
- अफगान निवेशकों को ईरान में जमीन आवंटित की जाएगी और उन्हें लंबी अवधि के वीजा मिलेंगे।
- चाबहार-मिलाक रेलवे परियोजना को जल्द पूरा करने पर सहमति बनी।
यह समझौता केवल ईरान-अफगानिस्तान तक सीमित नहीं है — इसका सबसे बड़ा लाभ भारत को मिलने वाला है।
भारत की रणनीतिक लाइफलाइन बनेगा चाबहार
भारत लंबे समय से चाबहार को अपनी रणनीतिक लाइफलाइन मानता है। यह भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच त्रिकोणीय मित्रता का केंद्र है।
इस पोर्ट से भारत पाकिस्तान को बायपास कर सीधे अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच सकता है। भारत ने इस परियोजना में 85 मिलियन डॉलर का निवेश किया है और इसका संचालन भी भारत के हाथ में है। इसी पोर्ट से भारत ने 2019-20 में अफगानिस्तान को गेहूं और दवाइयां भेजी थीं।
पारदर्शी व्यापार के लिए बैंकिंग चैनल
ईरान-अफगान संयुक्त बैंकिंग चैनल से चाबहार व्यापार पारदर्शी होगा। अब रियाल-अफगानी स्थानीय मुद्राओं में भुगतान संभव होगा, जिससे डॉलर निर्भरता घटेगी और अमेरिकी प्रतिबंधों से बचाव मिलेगा।
इससे भारतीय कंपनियों को अफगान बाजारों तक सीधी पहुंच मिलेगी।
नई व्यवस्था में रुपया-रियाल-अफगानी त्रि-मुद्रा निपटान प्रणाली लागू होगी, जिससे व्यापारिक भुगतान आसान और त्वरित होगा।
भारतीय कंपनियों को नया अवसर
बैंकिंग व्यवस्था मजबूत होने से भारतीय कंपनियों को ट्रेड फाइनेंस, बीमा और निवेश गारंटी का लाभ मिलेगा। वर्तमान में भारत चाबहार के जरिए अफगानिस्तान को खाद्यान्न, दवाइयां, सीमेंट और टेक्सटाइल निर्यात करता है, लेकिन भुगतान प्रणाली कमजोर होने से व्यापार सीमित है। नए बैंक के सक्रिय होने के बाद क्रेडिट लेटर की प्रक्रिया तेज और सुरक्षित हो जाएगी।
सस्ते तेल और ऊर्जा सुरक्षा का नया रास्ता
विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील भविष्य में तेल सप्लाई रूट भी बन सकती है।
ईरान से तालिबान तेल खरीदेगा, और फिर वही तेल भारत तक पहुंचेगा। इससे भारत को सस्ती ऊर्जा आपूर्ति मिलेगी और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में नया अध्याय खुलेगा।
अमेरिका भी चाबहार को अफगान स्थिरता के लिए अहम मानता है।
बिना पाकिस्तान के मजबूत होगा भारतीय व्यापार नेटवर्क
भारत तालिबान को अभी औपचारिक मान्यता नहीं देता, लेकिन मानवीय सहायता लगातार भेज रहा है।
ईरान के जरिए तालिबान से कूटनीतिक चैनल खुलने से सुरक्षा और क्षेत्रीय संवाद आसान होगा।
चाबहार से भारत को अफगानिस्तान होते हुए उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और कजाखस्तान तक व्यापारिक पहुंच मिलेगी। यह अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) का अहम हिस्सा है, जिससे भारत को भू-आर्थिक स्वतंत्रता और पाकिस्तान पर निर्भरता से मुक्ति मिलेगी।
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