नई दिल्ली । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भारत स्वयं को वैश्विक एआई परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रहा है। इस कड़ी में भारत ने अब तक 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हासिल कर लिया है। केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, निजी और सरकारी निवेश में हुई वृद्धि ने भारत को कनाडा (Canada) और इज़राइल (Israel) के करीब पहुंचा दिया है।
निवेश के मामले में कई विकसित देशों से आगे निकला भारत
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एआई इंडेक्स रिपोर्ट 2025 के मुताबिक, 2013 से 2024 के बीच भारत में प्राइवेट सेक्टर का कुल निवेश 11.1 अरब डॉलर तक पहुंचा, जबकि सरकारी निवेश जोड़ने पर यह आंकड़ा 12.3 अरब डॉलर हो गया। निवेश के मामले में भारत ने फ्रांस (11 अरब डॉलर), दक्षिण कोरिया (8.96 अरब डॉलर), जापान (5.9 अरब डॉलर) और ऑस्ट्रेलिया (3.88 अरब डॉलर) को पीछे छोड़ दिया है।
बड़ी टेक कंपनियों का भारत में तेजी से बढ़ता एआई निवेश
इस क्षेत्र में बड़ी टेक कंपनियों की भूमिका अहम है।गूगल ने विशाखापत्तनम में 15 अरब डॉलर का एआई डेटा हब बनाने की घोषणा की है, जो अमेरिका के बाहर उसका सबसे बड़ा निवेश होगा।
टीसीएस अगले सात सालों में 5 से 7 अरब डॉलर की लागत से एआई डेटा सेंटर्स बनाने की योजना पर काम कर रही है।इसके अलावा रिलायंस, अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) और माइक्रोसॉफ्ट ने भी भारत में बड़े निवेश की घोषणाएं की हैं।अगर ये सभी प्रोजेक्ट समय पर पूरे हो गए, तो भारत में एआई निवेश दोगुना हो सकता है।
स्टार्टअप्स बन रहे हैं एआई विकास के नए इंजन
स्टार्टअप्स की भागीदारी भी प्रभावशाली रही है। अक्टूबर 2025 तक भारतीय एआई स्टार्टअप्स में 5.3 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है, जिनमें से जनरेटिव एआई स्टार्टअप्स को 2.37 अरब डॉलर का निवेश मिला है।यह बताता है कि भारत का नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र इस तकनीक को लेकर सक्रिय और आशावादी है।
सरकार का फोकस – एआई इकोसिस्टम को मजबूत बनाना
सरकार भी एआई इकोसिस्टम को मजबूत करने में जुटी है। इसके तहत 1.2 अरब डॉलर का विशेष फंड बनाया गया है, जिसके माध्यम से एआई जीपीयू इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) आधारित कंपनियों को सहयोग दिया जा रहा है। कई परियोजनाएं पहले ही लागू की जा चुकी हैं, जो भारत को एआई अनुसंधान और विकास का केंद्र बना सकती हैं।
अमेरिका- चीन अब भी शीर्ष पर, लेकिन तेजी से बढ़ रहा भारत
वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन एआई में सबसे आगे हैं।
अमेरिका में निजी निवेश 471 अरब डॉलर और सरकारी परियोजनाओं में 175 अरब डॉलर हुआ है, जबकि चीन में निजी निवेश 119 अरब डॉलर और सरकारी फंडिंग 57.8 अरब डॉलर रही।
सऊदी अरब ने भी 100 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है ताकि वह मध्य पूर्व का एआई हब बन सके।
विशेषज्ञों की राय: भारत का भविष्य एआई में उज्ज्वल
विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ते सरकारी समर्थन, प्राइवेट सेक्टर के भारी निवेश और स्टार्टअप्स की नवोन्मेषी पहल के चलते भारत तेजी से वैश्विक एआई मंच पर अपनी जगह बना रहा है।
AI का मालिक कौन है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अमेरिका की कंपनी OPEN Ai कम्पनी ने बनाया इस कंपनी के मालिक साम एल्टमन हैं।
AI के जनक कौन थे?
उनकी ट्यूरिंग मशीन ने एल्गोरिदम और गणना की अवधारणाएँ प्रदान कीं जिनसे सामान्य प्रयोजन के कंप्यूटरों का विकास हुआ। एलन ट्यूरिंग को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के संस्थापक के रूप में भी देखा जाता है।
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