తెలుగు | Epaper

Latest Hindi News : 95 साल से भारतीय वैज्ञानिकों को नोबेल सम्मान का इंतजार

Anuj Kumar
Anuj Kumar
Latest Hindi News : 95 साल से भारतीय वैज्ञानिकों को नोबेल सम्मान का इंतजार

नई दिल्ली । भारत में वैज्ञानिक प्रतिभा की कोई कमी नहीं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान की बात करें तो तस्वीर उतनी चमकदार नहीं दिखती। विज्ञान (Science) के क्षेत्र में भारत को आखिरी बार नोबेल सम्मान (Nobel Prize) मिले अब 95 साल बीत चुके हैं। 1930 में सी. वी. रमन ने फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार जीतकर इतिहास रचा था, लेकिन उसके बाद से भारत में काम करने वाले किसी भी वैज्ञानिक को यह सम्मान नहीं मिला।

सिर्फ एक भारतीय को मिला नोबेल सम्मान

1930 में सी. वी. रमन को भौतिकी के क्षेत्र में ‘रमन इफेक्ट’ (Raman Effect) की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था। इसके बाद हरगोविंद खुराना (1968, मेडिसिन), सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर (1983, फिजिक्स) और वेंकटरमन रामकृष्णन (2009, केमिस्ट्री) ने नोबेल जीता, लेकिन ये सभी उस समय विदेश में कार्यरत थे और भारतीय नागरिक नहीं थे।

भारत में रिसर्च की रफ्तार क्यों धीमी है

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में रिसर्च और इनोवेशन के लिए माहौल अभी भी सीमित है। सरकारी फंडिंग कम है, नौकरशाही की प्रक्रियाएं धीमी हैं और विश्वविद्यालयों में रिसर्च की संस्कृति कमजोर है। जनसंख्या के अनुपात में शोधकर्ताओं की संख्या वैश्विक औसत से पांच गुना कम बताई जाती है। निजी क्षेत्र में भी रिसर्च को लेकर प्रोत्साहन और निवेश की कमी बनी हुई है।

कई भारतीय वैज्ञानिक रहे नोबेल की दौड़ में

भारत से कई दिग्गज वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया, लेकिन सम्मान नहीं मिला। इनमें मेघनाद साहा, होमी भाभा और सत्येंद्रनाथ बोस (फिजिक्स), जी. एन. रामचंद्रन और टी. शेषाद्रि (केमिस्ट्री), और उपेंद्रनाथ ब्रह्मचारी (मेडिसिन) शामिल हैं।
जगदीश चंद्र बोस और के. एस. कृष्णन जैसे वैज्ञानिकों के योगदान को भी वैश्विक स्तर पर सराहा गया, लेकिन उन्हें सम्मान नहीं मिला। वहीं, ई. सी. जी. सुदर्शन को दो बार नोबेल से वंचित रखा गया।

नोबेल पर अमेरिका और यूरोप का दबदबा

विज्ञान के नोबेल पुरस्कारों में अमेरिका और यूरोप का प्रभुत्व सबसे ज्यादा रहा है। उत्तरी अमेरिका और यूरोप के अलावा केवल नौ देशों के वैज्ञानिकों ने ही विज्ञान के क्षेत्र में यह पुरस्कार जीता है। जापान ने 21 नोबेल जीतकर एशिया में सबसे अधिक सफलता हासिल की है। इन देशों में मजबूत रिसर्च इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय सहायता और सहयोगी वातावरण वैज्ञानिक सफलता की कुंजी माने जाते हैं।

Read More :

ठाणे सिविल हॉस्पिटल में युवक लाया सांप

ठाणे सिविल हॉस्पिटल में युवक लाया सांप

गुरुद्वारा जाने से इनकार करने पर क्रिश्चियन आर्मी अफसर बर्खास्त

गुरुद्वारा जाने से इनकार करने पर क्रिश्चियन आर्मी अफसर बर्खास्त

पीएम मोदी ने किए सप्त ऋषियों और शेषावतार के दर्शन

पीएम मोदी ने किए सप्त ऋषियों और शेषावतार के दर्शन

सदियों के जख्म भरने का प्रतीक, राम मंदिर पर ध्वजारोहण

सदियों के जख्म भरने का प्रतीक, राम मंदिर पर ध्वजारोहण

ध्वजारोहण के पल भक्तिमय हुई अयोध्या, गूंजा जय श्रीराम का जयकारा

ध्वजारोहण के पल भक्तिमय हुई अयोध्या, गूंजा जय श्रीराम का जयकारा

नीतीश के बड़े ऐलान-बिहार में बंपर नौकरियां और डिफेंस कॉरिडोर की तैयारी

नीतीश के बड़े ऐलान-बिहार में बंपर नौकरियां और डिफेंस कॉरिडोर की तैयारी

अयोध्यावासियों ने जयश्रीराम के जयकारे संग प्रधानमंत्री मोदी का किया स्वागत

अयोध्यावासियों ने जयश्रीराम के जयकारे संग प्रधानमंत्री मोदी का किया स्वागत

पटना एटीएम में फंसा कार्ड, खाते से उड़ गए पैसे

पटना एटीएम में फंसा कार्ड, खाते से उड़ गए पैसे

कर्नाटक में सीएम कुर्सी का घमासान, डीके को लेकर सियासी हलचल तेज

कर्नाटक में सीएम कुर्सी का घमासान, डीके को लेकर सियासी हलचल तेज

ध्वजारोहण से पहले चमकी अयोध्या की रमणीय तस्वीरें

ध्वजारोहण से पहले चमकी अयोध्या की रमणीय तस्वीरें

गुजरात में बना राम मंदिर का खास धर्म ध्वज

गुजरात में बना राम मंदिर का खास धर्म ध्वज

Railway-ट्रेन में इलेक्ट्रिक उपकरणों का इस्तेमाल अब पड़ेगा महंगा

Railway-ट्रेन में इलेक्ट्रिक उपकरणों का इस्तेमाल अब पड़ेगा महंगा

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870