लखनऊ : यूपी के सीएम योगी ने कहा कि जनता हमारे लिए केवल जतना नहीं बल्कि जनार्दन है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश से ही भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अवध विहार योजना में उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) के आधुनिक कार्यालय भवन का शिलान्यास (Foundation stone laying) किया।
आयोग का स्वयं का भवन होना लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम : सीएम
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग का स्वयं का भवन होना लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव की विशाल प्रक्रिया को आयोग अब और बेहतर तरीके से संपन्न कर सकेगा।
त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में अकेले 12 करोड़ से अधिक मतदाता
मुख्यमंत्री ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में अकेले 12 करोड़ से अधिक मतदाता मतदान में भाग लेते हैं, जो किसी भी अन्य राज्य की कुल आबादी से अधिक है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 57,600 ग्राम पंचायतें, 826 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं। वहीं, 17 नगर निगम, 199 नगर पालिकाएं और 544 नगर पंचायतें भी हैं, जिनके साथ 14,000 से अधिक पार्षदों के चुनाव की जिम्मेदारी भी राज्य निर्वाचन आयोग ही निभाता है।
जनता केवल मतदाता नहीं है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की जनार्दन : योगी
योगी आदित्यनाथ ने लोकतंत्र की ताकत को रेखांकित करते हुए कहा कि जनता केवल मतदाता नहीं है बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की जनार्दन है। उसकी आवाज को सुनना और महत्व देना ही जनप्रतिनिधियों का दायित्व है। यदि कोई जनप्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं की अनदेखी करता है तो पांच साल बाद जनता उसे नकार देती है। यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है और इसी व्यवस्था ने भारत को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा किया है।
नए भवन के निर्माण से आयोग को कामकाज में और गति मिलेगी
उन्होंने कहा कि अब तक राज्य निर्वाचन आयोग किराए के भवन से कामकाज कर रहा था, जिससे कई प्रकार की कठिनाइयां आती थीं, लेकिन अब नए भवन के निर्माण से आयोग को कामकाज में और गति मिलेगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि राजकीय निर्माण निगम 18 महीनों से भी कम समय में इस छह मंजिला आधुनिक भवन का निर्माण पूरा कर देगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल होगा जिनके पास निर्वाचन आयोग का स्वयं का भवन होगा। भवन की विशेषताओं की बात करें तो परिसर में रोड पाथवे, ओपन पार्किंग और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना कब हुई थी और इसका मुख्य कार्य क्या है?
इसकी स्थापना 1994 में की गई थी। इसका मुख्य कार्य स्थानीय निकाय चुनावों (जैसे नगर पालिका, नगर निगम, ग्राम पंचायत आदि) को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराना है।
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग निम्नलिखित चुनावों का संचालन करता है:
- ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत चुनाव
- नगर पालिका परिषद, नगर निगम और नगर पंचायत चुनाव
- वार्ड सदस्य, चेयरमैन और मेयर आदि के चुनाव
नोट: यह आयोग विधानसभा या लोकसभा चुनाव नहीं कराता — वे चुनाव भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा कराए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है और उनका कार्यकाल कितना होता है?
राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है। उनका कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो पहले हो) तक होता है। इस पद पर नियुक्त व्यक्ति को कार्यकाल के दौरान हटाया नहीं जा सकता, जब तक कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के समान प्रक्रिया न अपनाई जाए।
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