पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर कड़ा झगड़ा हुआ, जिसके बाद पत्नी नाराज़ होकर मायके चली गई। करवा चौथ (Karwa Chauth) जैसे प्यार और समर्पण के पर्व पर पति की याद ने भावनाओं को झकझोर दिया। पत्नी सीधा स्थानीय थाने पहुंची – शिकायत दर्ज कराने या सुलह की कोशिश, यह तो थाने में जाकर ही साफ हुआ।पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों में बातचीत हुई। करवा चौथ के दिन हुआ यह घटनाक्रम स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।
करवाचौथ के दिन कानपुर से अनोखा मामला सामने आया है. यहां पति से लड़ाई के बाद पत्नी घर छोड़कर मायके चली गई थी. मगर करवाचौथ पर उसे पति की याद सताने लगी. पत्नी सीधे थाने पहुंची. उसने पुलिस को पूरी बात बताई. बोली- मैं पति के साथ ही रहना चाहती हूं. मैंने उनकी लंबी उम्र के लिए कवाचौथ का व्रत भी रखा है. पति को भी थाने बुलाया गया. दोनों एक दूसरे को देख भावुक हो गए. फिर हंसी-खुशी घर वापस लौटे।
जानकारी के अनुसार
जानकारी के अनुसार, मंधना विद्यापुरम निवासी राखी और नानकारी निवासी (Ajay) अजय की शादी आठ साल पहले हुई थी. दोनों का सात वर्षीय एक बेटा भी है. बीते कुछ महीनों से घरेलू विवाद के कारण दोनों अलग रह रहे थे. बेटा पिता अजय के पास था, जबकि राखी अपने मायके में रह रही थी. शुक्रवार को करवाचौथ के शुभ अवसर पर राखी ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा और फिर मंधना पुलिस चौकी पहुंच गई।
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वहां चौकी इंचार्ज सौरभ प्रताप सिंह और महिला सिपाही गिरजेश द्विवेदी से उसने भावुक होकर अपनी व्यथा बताई. राखी ने बताया कि मामूली बातों को लेकर हुए झगड़े ने दोनों के संबंधों में दरार डाल दी थी, मगर वह अब फिर से परिवार को एक करना चाहती है।
पत्नी को देख भावुक हुआ पति
राखी की बात सुनकर चौकी इंचार्ज ने तुरंत उसके पति अजय और दोनों पक्षों के स्वजनों को चौकी बुलाया. दोनों की बातचीत कराई गई, जिसमें चौकी प्रभारी सौरभ प्रताप सिंह ने दंपति को करवाचौथ के महत्व और दांपत्य जीवन में आपसी समझदारी की भूमिका के बारे में समझाया. पति भी भावुक हो गया. दोनों पक्षों में काफी देर बातचीत चली।
अंततः अजय और राखी ने सारे गिले-शिकवे भुलाकर दोबारा साथ रहने का निर्णय लिया. सुलह के बाद अजय मंधना बाजार जाकर करवाचौथ की पूजा का सामान और मिठाई लेकर लौट. उसने पत्नी राखी को मिठाई दी और साथ में पूजा की तैयारियां कीं. पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में दोनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और नए सिरे से जीवन शुरू करने का वादा किया।
क्या बोले चौकी प्रभारी?
मंधना चौकी प्रभारी ने बताया कि अक्सर छोटी-छोटी बातों में घर टूटने की नौबत आ जाती है. ऐसे मामलों में संवाद ही समाधान है. करवाचौथ के दिन हुई यह सुलह समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि प्रेम, समझ और धैर्य से हर रिश्ते को फिर जोड़ा जा सकता है।
करवा चौथ का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
यह पर्व करवा माता को समर्पित होता है। कहते हैं कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा माता की पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है। साथ ही व्रती के सुख-सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।
करवा चौथ किस भगवान को समर्पित है?
करवा चौथ पूजा: शाम को करवा चौथ पूजा करने के लिए महिलाएँ एक समूह में एकत्रित होती हैं। वे भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं, और करवा (मिट्टी का बर्तन) इस अनुष्ठान का मुख्य केंद्र होता है। पूजा की थाली में करवा, जल, अगरबत्ती और अन्य वस्तुएँ होती हैं।
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