जम्मू,। जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Confrence) ने तीन सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah) ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा, और क्रॉस वोटिंग के आरोप उठाए।
भाजपा को मिले अधिक वोटों पर सवाल
भाजपा के पास विधानसभा में केवल 28 विधायक हैं, फिर भी उनके एकमात्र सफल उम्मीदवार सत शर्मा को 32 वोट मिले।उमर ने सवाल उठाया कि अतिरिक्त चार वोट कहां से आए? उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके किसी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की और उनके चुनावी एजेंटों ने सभी मतपत्रों की पर्चियां जांच ली।
तीन वोट रद्द घोषित किए गए थे, जिनमें मतदाताओं ने गलत वरीयता संख्या दर्ज की थी।
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर तीखी आलोचना की
उमर ने कहा कि जिन विधायकों ने यह खेल खेला, उन्होंने बीजेपी (BJP) के लिए अपनी आत्मा बेच दी, लेकिन खुलकर स्वीकार करने की हिम्मत नहीं दिखा रहे। उन्होंने इसे विश्वासघात और लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवारों ने भारी मतों से जीत हासिल की
- चौधरी मोहम्मद को 58 वोट मिले
- सज्जाद किचलू को 57 वोट
- जीएस ओबेरॉय और नबी डार ने भी भारी मतों से जीत हासिल की
बीजेपी के अन्य उम्मीदवारों को केवल 28-28 वोट ही मिले।
निर्दलीय विधायकों पर अटकलें
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया, जबकि उन्होंने चुनाव से पहले एनसी का समर्थन करने का वादा किया था।एनसी नेता इमरान नबी डार ने सीधे वोट खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया।
सत शर्मा का जवाब और राजनीतिक माहौल
सत शर्मा ने सफाई दी कि चार विधायकों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और बीजेपी का साथ दिया, जिसे उन्होंने जनादेश बताया। यह विवाद जम्मू-कश्मीर की नाजुक राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना रहा है।
क्रॉस वोटिंग ने सियासी माहौल गरमाया
क्रॉस वोटिंग के आरोपों ने सियासी माहौल को गरमा दिया है।उमर का गुस्सा एनसी कार्यकर्ताओं में जोश भर रहा है, जबकि यह मामला चुनावी पारदर्शिता, नैतिकता और विश्वास पर बहस छेड़ रहा है।
आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और खुलासे हो सकते हैं।
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