life convict arrested : उत्तर प्रदेश में 1986 में हुए एसिड अटैक मामले में उम्रकैद की सजा पाए आरोपी राजेश उर्फ राजू को, 37 साल पहले जमानत पर रिहा होने के बाद से पुलिस तलाश कर रही थी। इतने लंबे समय से फरार रहने के बाद अब उसे मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित गायत्री शक्तिपीठ से साधु के रूप में पकड़ा गया।
शाहजहांपुर के एसपी राजेश द्विवेदी के अनुसार, आरोपी लगातार धार्मिक स्थलों और आश्रमों में ठिकाने बदलता रहा ताकि पुलिस उसकी लोकेशन कभी ट्रेस न कर सके। आखिरकार उन्नत फिंगरप्रिंट तकनीक—NAFIS (National Automated Fingerprint Identification System)—की मदद से उसकी पहचान की पुष्टि हुई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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यह घटना अगस्त 1986 की है, जब गंगादीन और ओम प्रकाश (life convict arrested) रस्तोगी नामक दो लोग तिलहर थाना क्षेत्र में अपनी ज्वेलरी दुकान जा रहे थे। उनके पास आभूषणों को साफ करने के लिए इस्तेमाल होने वाला एसिड था। तभी राजेश ने उन्हें रास्ते में रोककर मारपीट की और उनकी बोतल छीनकर उन्हीं पर एसिड डाल दिया, जिससे दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। इस मामले में IPC की धारा 326 (खतरनाक पदार्थ से गंभीर चोट) और 307 (हत्या के प्रयास) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में 30 मई 1988 को कोर्ट ने राजेश को उम्रकैद और अलग से 7 साल की सजा सुनाई।
जमानत पर बाहर आने के बाद वह कभी कोर्ट में पेश नहीं हुआ और उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया था। पिछले कई दशकों तक वह अलग-अलग जिलों के आश्रमों में 2–4 महीने रुककर आगे बढ़ जाता था ताकि अपनी पहचान छिपा सके। अंततः वह शिवपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में साधु बनकर बस गया, जहाँ से पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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