नई दिल्ली। रूसी मिग से अमेरिका समेत कई देश डरते थे। भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) की रीढ़ रहे मिग अब फेज आउट हो रहे हैं। भारतीय वायुसेना में अब महज 2 एक्टिव स्क्वाड्रन मिग 21 बाइसन के मिग-21 (Mig-21) बाइसन रिटायर हो जाएंगे और नंबर 3 स्क्वॉड्रन कोबरा और नंबर 23 स्क्वॉड्रन पैंथर्स दोनों की नंबर प्लेटिंग हो जाएगी। सितंबर में 62 साल की लंबी सेवा के बाद मिग 21 इतिहास बन जाएंगे। चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में इस फाइटर जेट को अंतिम विदाई दी जाएगी।
अब सवाल है कि आखिर इनकी जगह कौन लेगा? जवाब है स्वदेशी एलसीए मार्क 1ए। इसके पहले स्क्वॉड्रन के लिए फाइटर इसी साल से भारतीय वायुसेना में मिलने शुरू हो जाएंगे। मिग 21 की आखिरी बची 2 स्क्वॉड्रन इस वक्त नाल एयरबेस पर मौजूद हैं। एक है नंबर 3 स्क्वॉड्रन जिसका नाम है कोबरा तो नंबर 23 स्क्वॉड्रन का नाम पैंथर्स। दोनों की नंबर प्लेटिंग हो जाएगी मतलब इन दो स्क्वॉड्रन के नंबर और इसकी लेगेसी फ्रीज हो जाएगी। जो भी नए एयरक्राफ्ट (Air Craft) इन स्क्वॉड्रन में शामिल होंगे उन्हें इन्हीं नाम से जाना जाएगाय फिलहाल नंबर 3 स्क्वॉड्रन में पहला एलसीए मार्क 1ए फाइटर मिलेगा।
मिग 21 बाइसन 3 स्क्वॉड्रन का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है
मिग 21 बाइसन 3 स्क्वॉड्रन का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है। पहले यह स्क्वॉड्रन मिग 21 बिज का होता था। जब मिग 21 बिज को बाइसन में अपग्रेड किया गया तो पहले अपग्रेड भी इसी 3 स्क्वॉड्रन में ही आए थे और अब तेजस के एडवांस और अपग्रेडेड वर्जन एलसीए मार्क 1ए भी इसी स्क्वॉड्रन में आ रहे हैं। मौजूदा सुरक्षा के लिहाज से भारतीय वायुसेना 42 फाइटर स्क्वॉड्रन के बजाए सिर्फ 31 से ही काम चला रही है। मिग 21 के दो स्क्वॉड्रन के फेजआउट होने के बाद फाइटर स्क्वॉड्रन की संख्या 29 हो जाएगी, जो कि अब तक सबसे कम फाइटर स्क्वॉड्रन स्ट्रेंथ है। इस कमी को पूरा स्वदेशी तेजस से पूरा किया जाना है।
40 तेजस भारतीय वायुसेना के लिए लेने का करार हो चुका है
पहले 40 तेजस भारतीय वायुसेना के लिए लेने का करार हो चुका है, जिसके दो स्क्वॉड्रन अब तक स्थापित किए जा चुके हैं। स्वदेशी निर्मित 83 तेजस मार्क 1ए के लिए करार पूरा हो गया है और ये सभी 83 विमानों की डिलीवरी अब जल्द शुरू हो जाएगी। लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट मार्क 1ए को भारत में ही एचएएल ने डिजाइन और डिवेलप किया है और भारत में ही बनाया गया है। यह आधुनिक 4+ जेनेरेशन का फाइटर एयरक्राफ्ट है। साल 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क 1ए का ऑर्डर दिया था जिससे कुल 4 स्क्वॉड्रन बनेंगे। तो 5 अतिरिक्त स्क्वॉड्रन के लिए 97 तेजस मार्क 1ए की खरीद की मंजूरी भी दे दी गई है।
तेजस के कुल 11 स्क्वॉड्रन में 2 आ चुके हैं, बाकी 9 आने हैं
तेजस के कुल 11 स्क्वॉड्रन में 2 आ चुके हैं, बाकी 9 आने हैं। इसके अलावा तेजस मार्क 1ए का एडवांस वर्जन यानी की तेजस मार्क-2 पर काम जोर-शोर से जारी है। यह मार्क-1ए से ज्यादा मॉडिफाइड होगा। मिग 21 बाइसन के रिटायरमेंट के लिए वायुसेना ने हरी झंडी दे दी है, जबकि मिग 29 को हाल ही में अपग्रेड किया गया है और यह 2030 के बाद तक अपनी सेवाएं वायुसेना में देता रहेगा। फिलहाल भारतीय वायुसेना के पास मिग 21 के दो स्क्वॉड्रन में कुल 31 एयरक्राफ्ट ऑपरेट कर रहे हैं। एक समय तो कुल 19 स्क्वॉड्रन भारतीय वायुसेना के पास थे।
हालांकि 1970 के दशक से अब तक 400 से ज्यादा मिग क्रैश हुए और पायलटों की जान गई, इसके चलते इसे फ्लाइंग कॉफिन के नाम से बुलाया जाने लगा था। एक अनुमान के मुताबिक 40 से 42 साल फाइटर एयरक्राफ्ट की उम्र मानी जाती है, जिसमें फ्लाई टाइम 2400 घंटे के करीब होते हैं और मेजर ओवरहॉलिंग के बाद इनकी उम्र को 50 फीसदी तक और बढ़ाया जा सकता है।
कितने मिग 21 अभी भी उड़ रहे हैं?
2024 तक, भारतीय वायुसेना के पास लगभग 40 मिग-21 विमानों के संचालन में होने की जानकारी है। अपने चरम पर, भारतीय वायुसेना ने 19 स्क्वाड्रनों में 400 मिग-21 विमानों का संचालन किया था। 2023 में, भारतीय वायुसेना ने घोषणा की कि वह अपने मिग-21 बाइसन विमानों को स्वदेश निर्मित तेजस लड़ाकू विमान से बदल देगी।
एक मिग 21 की कीमत कितनी है?
भारत रक्षक डॉट कॉम के मुताबिक, मिग-21 के अलग-अलग लड़ाकू विमानों की कीमतों में अंतर है. एक MiG-21Bis (ओल्ड एयरफ्रेम) की कीमत 3.32 करोड़ रुपये हैं.
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