एयरफोर्स में 18 साल सेवाएं दे चुके कीर्ति के पिता आजाद रोहिल ने कहा तनाव का माहौल बना हुआ है, लेकिन हमारे हौसले बुलंद हैं।
मेरी बेटी बहादुर है और इसका मुझे गर्व है। फोन पर जब भी बात होती है तो कहती है, मां इस दिन का तो हर वायु सैनिक को इंतजार होता है। मौका मिलेगा तो देश के दुश्मन को धूल चटा देंगे। जो जिंदगी देश के काम न आ सके, वो जिंदगी किस काम की। ये कहना है हिसार जिले के गांव भिवानी रोहिल्ला की बेटी वायुसेना में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल की मां नवीना रोहिल का।
बेटी देश की सीमा पर प्रहरी बनकर डटीं है और मां घर संभाल रही हैं। कीर्ति रोहिल ने 2020 में सेना में कमीशन प्राप्त करते हुए एयरफोर्स में फ्लाइंग आफिसर के पद पर नियुक्ति हासिल की थी। मार्च पास्ट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैज लगाए थे। कीर्ति के पिता आजाद रोहिल में एयरफोर्स में 18 साल सेवा दे चुके हैं। मां गृहणी हैं। पिता की प्रेरणा से ही बेटी किरण ने देश सेवा की ठान ली थी और महज 20 वर्ष 9 महीने की उम्र में ही एयरफोर्स में सिलेक्शन पा लिया था।
वर्तमान में वे फ्लाइंग लेफ्टिनेंट हैं और नार्थ ईस्ट में तैनात हैं। कीर्ति के चाचा मंजीत रोहिल ने बताया कि उनका गांव बेटियों के विकास के लिए हमेशा ही अग्रणी रहा है। 2015 में गांव में सर्वसम्मति से प्रदेश की पहली महिला पंचायत चुनी गई थी, जिसमें सरंपच से लेकर सभी पंच महिलाएं थीं। सीएम ने सम्मानित किया था और गांव की बेटियां कबड्डी, बेसबॉल खेल में नेशनल तक खेल चुकी हैं।
बेटियों को मंच दे, वो सब कुछ कर सकती हैं- मां नवीना
कीर्ति रोहिल की मां नवीना ने कहा लड़कियां किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। बस सोच बदलने की जरुरत है। लड़का-लड़की की एक समान परवरिश करनी चाहिए। आज जो सम्मान उन्हें मिल रहा है वो बेटी की वजह से है। उन्होंने कहा आज ऑपरेशन सिंदूर जैसे बड़े प्रोजेक्ट की जानकारी देने के लिए देश की बेटी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कमाल संभाली। ये संदेश है देश ही नहीं पुरी दुनिया को कि बेटियों को मौका मिले तो वो अमिट छाप छोड़ सकती हैं।
देश सबसे पहले, बाकी सब बाद में
- मां नवीना ने बताया कि उनकी बेटी कीर्ति रोहिल ने बीते गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ की परेड में वायुसेना के महिला दल का नेतृत्व भी किया था।
- बेटी शुरू से ही जुझारू रही है और सेना में जाने का मन बचपन में ही बना लिया था।
- बेटी कीर्ति से जब भी युद्ध की स्थिति को लेकर बात होती है तो कहती है कि मां सबसे पहले देश है, बाकी सब इसके बाद में।
- अगर देश के लिए जान भी देनी पड़े तो चुकना नहीं चाहिए।
चिंता दुश्मन करें हम क्यों करें- पिता आजाद
एयरफोर्स में 18 साल सेवाएं दे चुके कीर्ति के पिता आजाद रोहिल ने कहा तनाव का माहौल बना हुआ है, लेकिन हमारे हौसले बुलंद हैं। 1971 की लड़ाई तो हम नहीं देख सके थे, लेकिन अब वक्त है दुश्मन के दांत खट्टे करने का। मौका मिला तो मैं भी बार्डर के लिए लड़ाई लड़ने में पीछे नहीं हटूंगा। युद्ध में क्या होगा इसकी चिंता दुश्मन करे, हम क्यों करें। हम हर तरह से तैयार हैं और दुश्मन पर भारी पड़ेंगे। जब तक हमारी बेटी जैसी बेटियां सीमा पर डटीं रहेंगी तो किसी बात की फ्रिक है।
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