शव और हथियार बरामद, फायरिंग जारी
जगदलपुर/बीजापुर। छत्तीसगढ़(Chattisgarh) के बीजापुर जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। जिसमें जवानों ने एक नक्सली को ढेर कर दिया है।
मारे गए नक्सली(Naxal) का शव और हथियार बरामद कर लिया गया है। फोर्स ने नक्सलियों को घेर रखा है। मुठभेड़ जारी है। मामला गंगालूर थाना इलाके का है।
जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी डिवीजन क्षेत्र में डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम ऑपरेशन पर निकली है। बताया जा रहा है कि, इलाके में नक्सलियों की पुख्ता मौजूदगी की सूचना के बाद यह ऑपरेशन लॉन्च किया गया। सुरक्षा एजेंसियां अब पूरे इलाके की सघन सर्चिंग में जुट गई है।
एनकाउंटर के डर से 9 नक्सलियों(Naxal) ने किया सरेंडर, 24 लाख का था इनाम
इधर, बीजापुर में एनकाउंटर के डर और मुख्यधारा में लौटने एक महिला नक्सली(Naxal) समेत 9 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ पुलिस के सामने हथियार डाल दिए।
इन 9 नक्सलियों में से 6 नक्सलियों पर 24 लाख रुपए का इनाम घोषित हैं। इनमें एक नक्सली 8 लाख और दो 5-5 लाख के साथ तीन 2-2 लाख रुपए के इनामी हैं।
ये सरेंडर करने वाले नक्सली माड़ डिवीजन की कंपनी नंबर 01, प्लाटून नंबर 12 और 13, दक्षिण बस्तर डिवीजन की टेक्निकल टीम, डीजीएन डिवीजन (धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा) और अन्य एरिया कमेटियों में काम कर रहे थे। ऐसे में पुलिस इनके सरेंडर को बड़ी सफलता मान रही है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का बड़ा सरेंडर, 66 ने एक ही दिन में डाले हथियार, 2.54 करोड़ का इनाम
बतादें कि करीब 13 पहले पहले छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के 5 जिलों में एक ही दिन में 66 नक्सलियों ने सरेंडर किया। इन पर कुल 2 करोड़ 54 लाख रुपए का इनाम घोषित है। बीजापुर जिले में सरेंडर किए 25 नक्सलियों में से 23 पर 1 करोड़ 15 लाख का इनाम है। इसमें एक एसजडसीएम (स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर) कैडर का भी नक्सली शामिल हैं।
नक्सलवाद क्या है?
नक्सलवाद एक अति-वामपंथी आंदोलन है, जिसका उद्देश्य सरकार के खिलाफ हिंसक तरीके से सशस्त्र क्रांति करना है।
इस शब्द की शुरुआत कहाँ से हुई?
इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गांव से हुई थी, इसीलिए इसे ‘नक्सलवाद’ कहा जाता है।
नक्सलियों के मुख्य लक्ष्य क्या हैं?
इनका मुख्य लक्ष्य सरकार को उखाड़ फेंकना, साम्यवादी शासन स्थापित करना और गरीबों व आदिवासियों के लिए जमीन व अधिकार हासिल करना है।
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