नई दिल्ली। देशभर की जेलों में हजारों कैदी बंद हैं, लेकिन सबसे ज्यादा विदेशी कैदी पश्चिम बंगाल की जेलों में हैं। यह खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नई रिपोर्ट में हुआ है।
देश में करीब सात हजार विदेशी कैदी
एनसीआरबी की ‘भारतीय जेल सांख्यिकी 2023’ रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की विभिन्न जेलों में कुल 6,956 विदेशी नागरिक बंद हैं। इनमें से सबसे अधिक 2,508 विदेशी कैदी (लगभग 36%) पश्चिम बंगाल के सुधार गृहों में कैद हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद अधिकतर विदेशी कैदी बांग्लादेशी नागरिक (Bangladeshi Citizen) हैं, जो अवैध रूप से भारत में घुसपैठ करते पकड़े गए और अब उनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की जेलों में विदेशी कैदियों की सबसे बड़ी संख्या
रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की जेलों में कुल 25,774 कैदी हैं, जिनमें से 9 प्रतिशत विदेशी नागरिक हैं।
इनमें 778 बांग्लादेशी कैदियों के खिलाफ अपराध साबित हो चुके हैं, जबकि 1,440 मामले अभी विचाराधीन हैं। बांग्लादेश के बाद म्यांमार के नागरिक दूसरे नंबर पर हैं, जो राज्य की जेलों में बंद हैं।
सीमा पार घुसपैठ से बढ़ी संख्या
- भारत और बांग्लादेश के बीच लगभग 5,000 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल (West Bengal) से सटा हुआ है।
- इसी कारण से अवैध घुसपैठ के अधिक मामले इसी राज्य में देखने को मिलते हैं।
- इन विदेशी कैदियों में महिलाओं की भी बड़ी संख्या शामिल है।
जेलों में क्षमता से अधिक कैदी
एनसीआरबी रिपोर्ट ने पश्चिम बंगाल की जेलों में ओवरक्राउडिंग (अधिक भीड़) की समस्या भी उजागर की है।
राज्य की 60 जेलों की कुल क्षमता 21,476 कैदियों की है, लेकिन इनमें 25,774 कैदी बंद हैं, जो 120 प्रतिशत क्षमता से अधिक है।
महिला जेलों की स्थिति भी चिंताजनक
रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य की एकमात्र महिला जेल में 110 प्रतिशत से अधिक कैदी मौजूद हैं।
इस जेल में कुल 796 महिला कैदी हैं, जिनमें 204 विदेशी महिलाएं और 12 ट्रांसजेंडर कैदी शामिल हैं।
एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट क्या है?
समग्र अपराध: 2023 में 6.24 मिलियन मामले (7.2% वृद्धि) दर्ज किए गए और अपराध दर बढ़कर प्रति एक लाख जनसंख्या पर 448.3 हो गयी है (यह 2022 में 422.2 थी)। इसका मतलब है कि भारत में 2023 में हर पांच सेकंड में एक अपराध हुआ।
2025 में एनसीआरबी के वर्तमान महानिदेशक कौन हैं?
एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के वर्तमान महानिदेशक आलोक रंजन (आईपीएस) हैं, जिन्हें 29 अगस्त, 2025 को इस पद पर नियुक्त किया गया था और वे 30 जून, 2026 को अपनी सेवानिवृत्ति तक इस पद पर बने रहेंगे.
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