తెలుగు | Epaper

Delhi Police: एक आधार पर 16 सिमकार्ड, 11 पाकिस्तान में एक्टिव ; हुआ गिरफ्तार

Vinay
Vinay
Delhi Police: एक आधार पर 16 सिमकार्ड, 11 पाकिस्तान में एक्टिव ; हुआ गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की विशेष सेल ने एक अहम जासूसी मामले का पर्दाफाश करते हुए नेपाल के नागरिक प्रभात कुमार चौरासिया (Prabhat kumar Chaurasia) (43 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि उसने भारतीय सिम कार्ड अवैध तरीके से हासिल कर उन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI तक पहुँचाया। यह मामला हाल ही में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा हुआ है, जिसका मकसद विदेशी एजेंसियों की भारत विरोधी गतिविधियों पर नकेल कसना है

कैसे हुआ खुलासा

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, चौरासिया ने आधार नंबर का इस्तेमाल कर भारत में कम से कम 16 सिम कार्ड सक्रिय किए। ये सिम कार्ड नेपाल भेजे गए और वहाँ से पाकिस्तान पहुँच गए। जांच एजेंसियों ने पाया कि इन सिम्स में से 11 पाकिस्तान के शहरों जैसे लाहौर और बहावलपुर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, विशेषकर व्हाट्सएप पर सक्रिय पाए गए। यह गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय है, क्योंकि इनका इस्तेमाल भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों और संवेदनशील सूचनाओं को जुटाने में किया जा सकता था।

लालच में आया आरोपी

पुलिस ने बताया कि चौरासिया को ISI एजेंट्स ने लालच दिया था कि उसे अमेरिका का वीज़ा दिलाया जाएगा और पत्रकारिता में करियर बनाने का मौका मिलेगा। इस प्रलोभन में आकर उसने सिम कार्ड मुहैया कराने का काम शुरू किया। गिरफ्तारी के बाद उसके घर से कई डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनमें संदिग्ध डेटा और संचार रिकॉर्ड मिले हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की चिंता

भारतीय खुफिया एजेंसियां लंबे समय से पाकिस्तान की ओर से चलाए जा रहे साइबर और टेलीकॉम नेटवर्क पर नजर रखे हुए हैं। ऐसे मामलों में भारतीय सिम कार्ड का पाकिस्तान में इस्तेमाल होना बेहद संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि इससे भारत की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। रक्षा प्रतिष्ठानों जैसे DRDO और सेना की इकाइयों से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करने की कोशिशों के भी सबूत मिले हैं।

कानूनी कार्रवाई

विशेष सेल ने आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। उस पर षड्यंत्र रचने और राष्ट्र की अखंडता को खतरे में डालने का आरोप है। अदालत को सौंपे गए दस्तावेज़ों में साफ लिखा गया है कि यह एक संगठित साजिश का हिस्सा था, जिसके ज़रिए पाकिस्तान भारत के संवेदनशील ढांचों और रणनीतिक योजनाओं तक पहुँच बनाना चाहता था।

आगे की दिशा

फिलहाल आरोपी से गहन पूछताछ चल रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह नेटवर्क और भी बड़ा हो सकता है, जिसमें नेपाल और भारत के कई अन्य लोग शामिल हों। इस मामले ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि टेलीकॉम सिस्टम की सुरक्षा को और कैसे मजबूत बनाया जाए, ताकि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लग सके।

ये भी पढ़ें

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870