लखनऊ : योगी सरकार ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में प्रदेश के सर्वांगीण विकास में नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। सीएम योगी (CM Yogi) के सपनों को साकार करने में एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। आईजीआरएस से जनसुनवाई, जन कल्याणकारी योजनाओं और राजस्व कार्यों की लगातार निगरानी की जा रही है, जिससे जिलों को बेहतर प्रशासनिक मानक स्थापित करने में मदद मिल रही है। आईजीआरएस की सितंबर माह की रिपोर्ट में प्रदेशभर में लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) ने पहला स्थान प्राप्त किया है जबकि बलरामपुर ने दूसरा और बरेली ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
खीरी को रैंकिंग की रिपोर्ट में सर्वाधिक 134 अंक, पहले स्थान पर
आईजीआरएस द्वारा प्रदेशभर के जिलों में 49 विभागों के 109 कार्यक्रमों की विभिन्न मानकों के आधार पर समीक्षा की जाती है। इसके बाद जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है। आईजीआरएस की सितंबर माह की रिपोर्ट के अनुसार लखीमपुर खीरी ने मानक पूर्णांक 140 नंबर के सापेक्ष 134 अंक प्राप्त कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि आईजीआरएस की रिपोर्ट उन जिलों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है, जिन्होंने प्रशासनिक दक्षता, विकास कार्यों और राजस्व प्रबंधन में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप लखीमपुर खीरी में विकास कार्यों समेत जनसुनवाई की शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। यही वजह है कि लखीमपुर खीरी की सितंबर माह की जनसुनवाई निस्तारण दर 95.71 प्रतिशत है, जो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक है।
जिले में सुनवाई से समाधान तक की नीति पर किया जा रहा काम
लखीमपुर खीरी जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में रोजाना प्राथमिकता के आधार पर जनसुनवाई का आयोजन किया जाता है। साथ ही समस्या के समयबद्ध तरीके से गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए मॉनीटरिंग भी की जाती है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप जिले में सुनवाई से समाधान तक की नीति पर काम किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि लखीमपुर खीरी ने आईजीआरएस की सितंबर माह की रैंकिंग में पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। जनसुनवाई में आए हर शिकायतकर्ता की समस्या के निस्तारण के लिए प्रत्येक स्तर पर अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की जवाबदेही तय की गई है। इससे न केवल शिकायतों की संख्या घटी बल्कि जनता का भरोसा भी प्रशासन पर और मजबूत हुआ है।
IGRS रैंकिंग क्या होती है?
Integrated Grievance Redressal System रैंकिंग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की जाती है, जो विभिन्न जिलों की जनशिकायतों के समाधान, जनकल्याण योजनाओं की निगरानी, और प्रशासनिक जवाबदेही के आधार पर होती है।
यह रैंकिंग यह दिखाती है कि कौन-सा जिला जनसुनवाई प्रणाली में कितना प्रभावी कार्य कर रहा है।
रैंकिंग कैसे तय की जाती है?
आईजीआरएस रैंकिंग तय करने के लिए निम्नलिखित मापदंडों को देखा जाता है:
- जनता की शिकायतों का समय पर और संतोषजनक निवारण
- शिकायतों की संख्या और उनका निष्पादन प्रतिशत
- विभागीय कार्यों की नियमित निगरानी
- योजनाओं का सही क्रियान्वयन
- प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता
हर महीने इन बिंदुओं के आधार पर सभी जिलों की प्रदर्शन रिपोर्ट बनती है और रैंकिंग दी जाती है।