अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) बुधवार को एक बार फिर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षण (Cultural Moment) की साक्षी बनी, जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचीं। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और कृषि मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केंद्रीय मंत्री का गरिमामय स्वागत किया।
बृहस्पति कुंड में होगा सांस्कृतिक आयोजन
स्वागत के दौरान वाद्ययंत्रों की पारंपरिक धुनों ने अयोध्या की सांस्कृतिक आत्मा को स्पंदित कर दिया। एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केंद्रीय मंत्री का काफिला सिविल लाइन्स स्थित होटल रेडिशन पहुंचा, जहां कुछ देर विश्राम के बाद वह अपने निर्धारित कार्यक्रमों के लिए रवाना हुईं। निर्मला सीतारमण का यह दौरा टेढ़ी बाजार स्थित बृहस्पति कुंड में आयोजित एक विशेष सांस्कृतिक आयोजन के लिए है। इस अवसर पर वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संयुक्त रूप से दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञों संत त्यागराज स्वामीगल, पुरंदर दास और अरुणाचल कवि की मूर्तियों का अनावरण करेंगी।

संगीत और भक्ति का संगम बनेगा बृहस्पति कुंड
बृहस्पति कुंड परिसर में स्थापित की गई ये मूर्तियां भारतीय संगीत, भक्ति और कला परंपरा का जीवंत प्रतीक हैं। इन संत संगीतज्ञों ने भक्ति संगीत को भारतीय संस्कृति का आत्मस्वर बनाया। अब उनकी मूर्तियों का अयोध्या की पावन भूमि पर स्थापित होना उत्तर-दक्षिण सांस्कृतिक एकता का अनुपम उदाहरण है।
अयोध्या का असली नाम क्या है?
अयोध्या का प्राचीन नाम साकेत था। इसे कोसल जनपद की राजधानी भी कहा जाता था।
राम मंदिर किस गांव में है?
श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या शहर के रामकोट क्षेत्र में स्थित है, जो कोई अलग गांव नहीं बल्कि अयोध्या का ही एक पवित्र हिस्सा है।
अयोध्या किसकी राजधानी थी?
अयोध्या प्राचीन काल में कोशल राज्य की राजधानी थी, जहाँ भगवान श्रीराम का जन्म हुआ और उन्होंने राज्य किया था।
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