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News Hindi : ‘हमारु ज्योतिर्मठ-हमारु परिवार-हमारु समोण पर्व’ का आयोजन शुरु

Ajay Kumar Shukla
Ajay Kumar Shukla
News Hindi : ‘हमारु ज्योतिर्मठ-हमारु परिवार-हमारु समोण पर्व’ का आयोजन शुरु

उत्तराखण्ड । उत्तराखण्ड (Uttarakhand) के मानचित्र का प्रमुख धार्मिक केन्द्र समस्त उत्तर विश्व की धार्मिक राजधानी ज्योतिर्मठ को कालक्रम से लोग जोशीमठ नाम से जानने लग गए थे। ऐसे में ब्रह्मलीन पूज्यपाद द्विपीठाधीश्वर सद्गुरुदेव भगवान् की प्रेरणा से ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘1008’ ने सहित अनेकों की पहल पर प्रदेश के मुख्यमन्त्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने इस नगर को पुनः उसका प्राचीन नाम ‘ज्योतिर्मठ’ किया।

परम्परागत पकवान ‘रोट-आडसे’ का निर्माण स्थानीय मातृशक्ति ने किया

अब ये पूरा नगर ज्योतिर्मठ हो चुका एतदर्थ हम सब नगरवासी एक परिवार के सदस्य हो गए,इस उदात्त भावना को जीवन्त करने के लिए एक साथ अपना परम्परागत पकवान ‘रोट-आडसे’ का निर्माण स्थानीय मातृशक्ति द्वारा किया गया है। दो दिन बाद जब आदि शराचार्य जी महाराज की डोली ज्योतिर्मठ स्थित नृसिंह मन्दिर पहुँचेगी उसी समय ये प्रसाद समस्त नगरवासियों को वितरित किया जाएगा।ज्योतिर्मठ में निवास कर रहे प्रत्येक व्यक्ति तक ये प्रसाद पहुँचेगा।

हम सब हर तरह के भेद-भाव को छोड़कर एक परिवार बनें : शंकराचार्य जी

बदरीनाथ जी के कपाट मंगलम् के बाद ज्योतिर्मठ पधारने पर पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज का भव्य स्वागत अभिनन्दन हुआ। पूरे ज्योतिर्मठ के 35 से अधिक महिला मंगल समूहों की उपस्थित मातृशक्ति को पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। पूज्य शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि प्रति वर्ष एक दिन ऐसा होना चाहिए कि हम सब हर तरह के भेद-भाव को छोड़कर एक परिवार बनें

ज्योतिर्मठ के प्रत्येक घर में प्रसाद समर्पित करेंगे संन्यासी और ब्रह्मचारी

पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज ने कहा कि ज्योतिर्मठ के संन्यासी और ब्रह्मचारी ज्योतिर्मठ के प्रत्येक घर में जाकर ये प्रसाद समर्पित करेंगे। शंकराचार्य जी महाराज में मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि कार्यक्रम में उपस्थित रहे सर्वश्री स्वामी प्रत्यक्चैतन्यमुकुन्दानन्द गिरि,सहजानन्द ब्रह्मचारी,विष्णुप्रियानन्द ब्रह्मचारी,अजय पाण्डेय,आनन्द सती,कुशलानन्द बहुगुणा,शिवानन्द उनियाल,अनिल डिमरी,समीर डिमरी,महिमानन्द उनियाल,जगदीश उनियाल,सन्तोष सती,अभिषेक बहुगुणा,दिवाकर भट्ट,प्रवीण नौटियाल,शिवम पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

Jyotirmath के शंकराचार्य कौन हैं?

वर्तमान में Swami Avimukteshwaranand Saraswati — उन्हें ही ज्योतिर्मठ (Jyotir Math) का शंकराचार्य माना जाता है।

Jyotirmath कहाँ स्थित है?

ज्योतिर्मठ (पहले जोशीमठ के नाम से जाना जाता था) उत्तराखंड के चमोली ज़िले में स्थित है।

क्या ज्योतिर्मठ और बद्रीनाथ एक ही हैं?

नहीं — ज्योतिर्मठ और बद्रीनाथ एक ही स्थान नहीं हैं। ज्योतिर्मठ एक मठ और नगर है — जहां शंकराचार्य प्रमुख हैं। वहीं बद्रीनाथ एक अलग तीर्थ स्थल है — जहाँ विष्णु भगवान का मंदिर है। लेकिन दोनों धार्मिक दृष्टि से जुड़े हैं: बद्रीनाथ धाम जाते समय ज्योतिर्मठ ही तीर्थ-मार्ग या प्रवेश-द्वार माना जाता है।

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