भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने साफ कर दिया है कि (Toll Tax) से छूट सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों और सेवाओं को ही मिलती है – और इसकी बाकायदा एक आधिकारिक सूची जारी की गई है। इसमें से कुछ वाहन आपातकालीन सेवाओं से जुड़े होते हैं, तो कुछ खास पदों पर बैठे व्यक्तियों को भी यह सुविधा दी गई है। आइए जानते हैं कि कौन लोग और वाहन बिना Toll Tax दिए नेशनल हाईवे पर यात्रा कर सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि किन परिस्थितियों और किन लोगों को नेशनल हाईवे पर टोल टैक्स नहीं देना पड़ता।
आपातकालीन सेवाओं को पूरी छूट
आपात स्थिति में समय की अहमियत को देखते हुए एम्बुलेंस (Ambulance) और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को टोल टैक्स से छूट दी गई है। इन वाहनों को बिना किसी अड़चन के तेजी से मंज़िल तक पहुंचाने के लिए यह नियम लागू है। इसलिए यदि आप इन्हें टोल प्लाजा से बिना भुगतान किए गुजरते हुए देखें, तो यह पूरी तरह वैध है।
राष्ट्र के उच्च पदस्थ अधिकारियों को टोल टैक्स से छूट
भारत सरकार ने संविधान के अंतर्गत कुछ विशेष पदों पर आसीन व्यक्तियों को भी टोल टैक्स से छूट प्रदान की है, लेकिन सिर्फ और सिर्फ आधिकारिक यात्राओं के दौरान। इनमें शामिल हैं:
- राष्ट्रपति
- उपराष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- राज्यपाल
- मुख्यमंत्री
- लोकसभा अध्यक्ष
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
- इनकी आवाजाही को सुगम बनाने और समय की बचत के लिए यह सुविधा दी गई है।
सांसद और विधायक भी पात्र
सांसद (MP) और विधायक (MLA) को भी टोल टैक्स से छूट मिलती है, जब वे अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में यात्रा कर रहे हों। यह व्यवस्था जनप्रतिनिधियों के कार्य को बाधा रहित बनाने की दृष्टि से की गई है।
एनएचएआई की सैलरी कितनी है?
एनएचएआई का औसत वेतन एक पर्यवेक्षक के लिए लगभग ₹1,99,681 प्रति वर्ष (अनुमानित) से लेकर एक रेजिडेंट इंजीनियर के लिए ₹17,98,830 प्रति वर्ष (अनुमानित) तक है ।
भारत में कितने एनएचएआई हैं?
एनएचएआई की स्थापना 1988 में हुई थी और वास्तव में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा राजमार्ग नेटवर्क है। राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 151,000 किलोमीटर है। वर्तमान में भारत में 87 राजमार्ग हैं। क्षैतिज सड़कों की संख्या विषम है और ऊर्ध्वाधर राजमार्गों की संख्या सम है।
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