नई दिल्ली । दिल्ली में प्रदूषण के भयानक स्तर को लेकर सियासत गर्म हो गई है। आप के प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज (Saurbh Bhardwaj) ने बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे कि दिवाली के बाद आर्टिफिशियल रेन कराकर हवा साफ कर दी जाएगी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पटाखा लॉबी (firecracker lobby) को करोड़ों का फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया और पूछा कि यह फायदा किसे बांटा गया।
सरकारी आंकड़ों और ग्रीन पटाखों पर उठे सवाल
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अब यह लगभग तय है कि बीजेपी सरकार का पटाखा लॉबी के साथ समझौता है। उन्होंने पूछा कि दिवाली (Diwali) की रात पीएम2.5 और पीएम10 का डेटा क्यों उपलब्ध नहीं था और कई मॉनिटरिंग स्टेशन से जानकारी गायब क्यों थी। सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर भी कटाक्ष किया और कहा कि उनसे प्रदूषण नियंत्रण की क्या उम्मीद की जाए।
गोपाल राय ने भी किया हमला
दिल्ली के पूर्व पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी बीजेपी सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण रेड जोन में पहुंच गया, लेकिन सरकार सिर्फ बयानबाजी में व्यस्त है। बीते 20 दिनों में न कोई ठोस कदम उठाया गया और न ही प्रभावी बातचीत हुई। विंटर एक्शन प्लान भी देर से घोषित किया गया।
पड़ोसी राज्यों और केंद्र की जिम्मेदारी पर जोर
गोपाल राय ने कहा कि बीजेपी के पास अब कोई बहाना नहीं बचा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और केंद्र सभी जगह बीजेपी की ही सरकार है। उन्होंने अपील की कि फिलहाल प्रभावी कदम उठाए जाएं, क्योंकि आने वाले दिनों में प्रदूषण और बढ़ सकता है।
दिल्ली में मुख्य प्रदूषण क्या है?
पीएम 2.5 प्रदूषण का 38% सड़क की धूल से, 20% वाहनों से, 12% घरेलू ईंधन के जलने से और 11% औद्योगिक स्रोतों से आया। पीएम 10 प्रदूषण का 56% सड़क की धूल से, 10% कंक्रीट बैचिंग से, 10% औद्योगिक स्रोतों से और 9% वाहनों से आया।
दिल्ली में प्रदूषण का चलन कितना है?
दिल्ली में अगर वाहन चला रहे हैं तो प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र बनवाना ना भूलें, अगर किसी कारण से इसे नहीं बनवा पाए हैं तो तुरंत बनवा लें, अन्यथा आप मुश्किल में फंस सकते हैं और आप का 10000 का चालान हो सकता है।
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