बिजली कटते ही लिफ्ट में फंसे यात्री
किशनगंज रेलवे स्टेशन पर अचानक बिजली गुल हो गई। उसी समय लिफ्ट में एक परिवार मौजूद था, जिसमें छह सदस्य शामिल थे। बिजली जाते ही लिफ्ट बीच में ही रुक गई, और पूरा परिवार अंदर फंस गया।
बिहार के किशनगंज रेलवे स्टेशन की लिफ्ट में एक परिवार करीब आधे घंटे तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ता रहा. परिवार के पांच लोग स्टेशन पर जाने के लिए लिफ्ट में चढ़ थे, लेकिन इसके तुरंत बाद लिफ्ट बंद हो गई और सभी लोग अंदर फंस गए.
30 मिनट तक बंद लिफ्ट में फंसी रही सांसें
बच्चों और बुजुर्गों की हालत बिगड़ी
करीब आधे घंटे तक लिफ्ट के अंदर फंसे रहने से बच्चों और बुजुर्ग सदस्यों की तबीयत बिगड़ने लगी। घबराहट, सांस लेने में दिक्कत और घुटन की शिकायतें सामने आईं। लिफ्ट में कोई वेंटिलेशन न होने के कारण स्थिति और खराब होती चली गई।
बिहार के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए लिफ्ट्स लगाई गई हैं. मगर बिजली जाने के बाद यह लिफ्ट्स भगवान भरोसे हैं. बिहार के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर उस समय एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब बिजली जाने पर बंद होने वाली लिफ्ट में एक पूरा परिवार फंस गया. लिफ्ट प्लेटफार्म संख्या 2 की ओर आने व जाने वाले रास्ते में है. उस समय लिफ्ट में एक दंपति और उनके तीन छोटे बच्चे मौजूद थे. वह करीब आधेघंटे तक जीवन और मौत के बीच जूझते रहे.
किशनगंज रेलवे स्टेशन पर एक परिवार कहीं जाने के लिए पहुंचा था. परिवार में पति-पत्नी और उनके बच्चे साथ ही उनके पास काफी अधिक सामान था. इसलिए उन्होंने प्लेटफार्म नंबर 2 की ओर जाने वाली लिफ्ट से ऊपर जाने का फैसला लिया. मगर ऊपर जाते वक्त अचानक बिजली कट गई और पूरा परिवार लिफ्ट के अंदर ही फंस गया. जिसके बाद दंपति दरवाजा को पीटने लगे, लेकिन आवाज अंदर ही दब गई. लिफ्ट में धीरे धीरे गर्मी और घुटन बढ़ने लगी और बच्चे रोने लगे.
कैसे बची जान?
अंदर फसे दंपति ने अपने ट्राली बैग से ऊपर छत दरवाजे को तोड़ने का प्रयास किया, मगर वे सफल नहीं हुए. वही गर्मी के वजह से धीरे-धीरे बच्चों का धैर्य जवाब देने लगा. जिसके बाद दंपति ने अपने रिश्तेदारों को फोन करना शुरू किया और घटना की जानकारी दी. इसके बाद रिश्तेदारों ने रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले अपने जानकारों को फोन करना शुरू किया. जिसके बाद कुछ लोग भागे-भागे रेलवे स्टेशन पहुंचे और हंगामा करने लगे.
लिफ्ट में फंसा परिवार
परिजन ने स्टेशन मास्टर को इसकी जानकारी दी. वहीं, 5 लोगों के लिफ्ट में फंसे होने की बात सुनकर स्टेशन मास्टर के हाथ पांव फूल गए. करीब 30 मिनट बाद अथक प्रयास से लिफ्ट को खोला गया और फिर एक-एक कर सभी को बाहर निकाला गया. घटना को लेकर स्टेशन प्रबंधक दीपक कुमार ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली, उन्होंने तुरंत इलेक्ट्रिक फोरमैन को मौके पर भेजा और सभी को निकलवाया.
हो सकती थी बड़ी घटना
उन्होंने बताया कि लिफ्ट अभी सिर्फ बिजली से चल रही है, भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए रेलवे ने एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट वालों से बात की है और ऑटोमैटिक रिलीज जैसी तकनीक की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है. वहीं समय से लिफ्ट नहीं खोली जाती तो एक बड़ी घटना घटित हो सकती थी. हालांकि, जानकारी मिलने के बाद रेलवे ने त्वरित कार्रवाई कर स्थिति को संभाल लिया. भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो इसको लेकर तत्काल कोई उपाय की अपील लोगों ने की है.